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रुपये ने पार किया 82 का लेवल, नया आल टाइम लो लेवल बनाया

इंडिया न्यूज, Rupee New All Time low Level : रुपये में पिछले कुछ दिनों से लगातार कमजोरी आ रही है। आज शुक्रवार को रुपये ने फिर से 82 रुपये का स्तर पार करते हुए अपना नया सर्वकालिक निचले स्तर बनाया है। डॉलर के मुकाबले रुपये में आज 32 पैसे की कमजोरी आई है। विदेशी मुद्रा बाजार […]

BY: Bharat Mehndiratta • UPDATED :
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इंडिया न्यूज, Rupee New All Time low Level : रुपये में पिछले कुछ दिनों से लगातार कमजोरी आ रही है। आज शुक्रवार को रुपये ने फिर से 82 रुपये का स्तर पार करते हुए अपना नया सर्वकालिक निचले स्तर बनाया है। डॉलर के मुकाबले रुपये में आज 32 पैसे की कमजोरी आई है। विदेशी मुद्रा बाजार में यह बीते दिन के मुकाबले 32 पैसे कमजोर होकर 81.20 रुपये के स्तर पर खुला।

वीरवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 36 पैसे की कमजोरी के साथ 81.88 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। रुपये ने पहली बार 23 सितंबर 2022 को डॉलर के मुकाबले 81 रुपये का लेवल छुआ था। जबकि इससे पहले 20 जुलाई को यह 80 रुपये का लेवल पार कर गया था।

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Rupee New All Time low Level

अमेरिका में आज आएगा जॉब डेटा

बता दें कि अमेरिका में आज सितंबर महीने के जॉब डेटा जारी होगा। इस कारण निवेशक पहले से सतर्क नजर आ रहे हैं। बॉन्ड यील्ड बढ़ने से डॉलर इंडेक्स एक फीसदी उछाल के साथ 112.26 के लेवल पर पहुंच गया है। आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष डॉलर इंडेक्स में अब तक 17 फीसदी का उछाल आ चुका है।

Rupees as per Dollar

आखिरी 5 दिनों में कैसा रहा रुपये का स्तर

बीते दिन वीरवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 36 पैसे की कमजोरी के साथ 81.88 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। इससे पहले सोमवार को रुपये में 35 पैसे की मजबूती आई थी और यह 81.52 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 53 पैसे टूटा था और 81.87 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। पिछले शुक्रवार को रुपया 52 पैसे की दमदार मजबूती के साथ 81.34 रुपये के स्तर पर बंद हुआ।

डॉलर बढ़ने से महंगाई बढ़ेगी

डॉलर महंगा या सस्ता होने पर देश के आयात पर सीधा असर करता है। इसका असर अर्थव्यवस्था की करंट अकाउंट डेफिसिट पर भी दिखेगा। आयात महंगा होने से विदेश से देश में खरीदी जानेवाली वस्तुओं और की कीमतों में इजाफा होगा। इसका असर आने वाले समय में घरेलू बाजार में पेट्रोल डीजल की कीमतों पर भी पड़ेगा। जैसे कि भारत अपनी जरूरत का लगभग 80 फीसदी क्रूड आयल आयात करता है।

इसका भुगतान डॉलर में करना होता है। यदि डॉलर महंगा होता है तो हमें ज्यादा कीमत देनी पड़ती है। हालांकि रुपया का कमजोर होना देश के निर्यातकों के अच्छी चीज साबित हो सकती है, क्योंकि वे अपने उत्पादों के बदले जो डॉलर हासिल करेंगे उन्हें रुपये में बदलने पर उन्हें ज्यादा रुपये मिलेंगे।

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