इंडिया न्यूज, Twitter Whistleblower : दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने कहा है कि ट्विटर ने उसके एक पूर्व कर्मचारी जो अब व्हिसरलब्लोअर बन गया है, के साथ करोड़ों डॉलर की डील की थी। ट्विटर के साथ 44 मिलियन डॉलर की डील टूटने का यह भी एक प्रमुख कारण था।
मस्क ने यह बयान अमेरिकी पत्रिका वॉल स्ट्रीट जर्नल की उस रिपोर्ट के बाद दिया है, जिसमें ये कहा गया है कि ट्विटर ने हाल में एक व्हिसलब्लोअर के साथ विवाद सुलझाने के लिए उसे 70 लाख डॉलर देने का फैसला किया है।
Twitter Whistleblower
एलन मस्क के वकीलों ने सोशल मीडिया कंपनी को एक पत्र में कहा, पीटर जटको (व्हिसलब्लोअर) और उनके वकीलों को 7.75 मिलियन डॉलर का भुगतान करने से पहले ट्विटर ने उनकी सहमति नहीं ली। इस कारण विलय समझौते का उल्लंघन हुआ। जब मस्क के साथ बातचीत की प्रकिया जारी थी, तो उस दौरान ट्विटर के लिए ऐसा करना प्रतिबंधित था।
जानकारी के लिए बता दें कि पीटर जटको, ट्विटर में चीफ सिक्योरिटी आफिसर रह चुके हैं। उन्होंने सोशल मीडिया फर्म पर झूठ बोलने का आरोप लगाया कि उसके पास सुरक्षा के लिए एक ठोस योजना है। उन्होंने यह भी कहा था साइबर सुरक्षा के बारे में कंपनी नियामकों को जो बता रही है वे भ्रामक हैं। पीटर ने कहा था कि अनुसार कंपनी ने गलत सूचना फैलाने वाले फर्जी खातों को जड़ से खत्म करने के लिए होने वाली कोशिशों की अनदेखी की।
बता दें कि टेस्ला के सीईओ ने एलन मस्क ने ट्विटर के साथ 44 मिलियन डॉलर की डील की थी। लेकिन बाद में यह डील तोड़ दी थी क्योंकि उन्हें लगता है कि ट्विटर पर बॉट्स, स्पैम और फर्जी अकाउंट हैं, जिस कारण उन्हें टेकओवर डील को समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इससे पहले मंगलवार को मस्क ने ट्विटर पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था कि उनके ट्वीट पर 90 फीसदी कमेंट्स असल में बॉट या स्पैम रिप्लाई हैं।
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