इंडिया न्यूज, वाशिंगटन:
बुधवार को जहां आरबीआई ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी। वहीं अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने भी अपनी नीतिगत ब्याज दर में आधा प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। यह फैसला महंगाई के अत्यधिक दबाव से निपटने के लिए किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक फेडरल रिजर्व को खुदरा मुद्रास्फीति (Inflation) 2 फीसदी तक सीमित रखने की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन मार्च में मार्च में मुद्रास्फीति (Inflation) 5.2 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। मार्च महीने में फेडरल रिजर्व की खुली बाजार संबंधि समिति ने नीतिगत ब्याज दर में चौथाई प्रतिशत की वृद्धि की थी।
फेडरल रिजर्व समिति की 2 दिन की बैठक के बाद बुधवार को जारी बयान में नीतिगत दर को 0.75 प्रतिशत से एक फीसदी रखने का लक्ष्य रखा गया है। फेडरल रिजर्व ने 2006 से बाद पहली बार लगातार दूसरे महीने नीतिगत ब्याज दर बढ़ाई है और वर्ष 2000 के बाद पहली बार इसने एक बार में इतनी बड़ी वृद्धि करते हुए नीतिगत ब्याज दर में आधा फीसदी की बढ़ोतरी की है।
वहीं फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पावेल ने आने वाले दौर में नीतिगत में दर में और भी इजाफा करने का संकेत दिया है और यह कयास लगाया जा रहा है कि नवंबर-दिसंबर तक नीतिगत ब्याज दर 2.5 से 2.75 प्रतिशत तक जा सकती है। पॉवेल ने कहा कि फेडरल रिजर्व के पास मूल्य स्थिरता को बहाल करने के लिए आवश्यक औजार और संकल्प शक्ति दोनों ही हैं।
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