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India News (इंडिया न्यूज़), Paytm Crisis: पेटीएम में चल रहे संकट के कारण आखिरकार कंपनी के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने सोमवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक से इस्तीफा दे दिया। वह पेमेंट्स बैंक के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष और बोर्ड सदस्य थे। बैंक के बोर्ड में आमूल-चूल बदलाव करने के लिए यह फैसला लिया गया भारतीय रिजर्व बैंक ने नियामक नियमों के उल्लंघन के कारण पेमेंट्स बैंक पर जमा लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था। आरबीआई ने मुसीबत में फंसे पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों को असुविधा से बचाने के लिए एनपीसीआई को निर्देश भी दिए थे ताकि इन खातों को दूसरे बैंकों में ट्रांसफर किया जा सके।
पेटीएम ने सोमवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा था कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास श्रीधर, बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व कार्यकारी अशोक कुमार गर्ग और दो सेवानिवृत्त आईएएस को पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बोर्ड में शामिल किया जाएगा। बैंक के सीईओ सुरिंदर चावला ने कहा कि नए बोर्ड सदस्य अपने अनुभव का इस्तेमाल कंपनी को नई दिशा देने में करेंगे। पेमेंट्स बैंक के गवर्नेंस और ऑपरेशंस में आमूल-चूल बदलाव आएगा। पेटीएम ने अपनी बैंकिंग इकाई के फैसले को पूरा समर्थन दिया है। यही वजह है कि विजय शेखर शर्मा ने भी खुद को पेमेंट्स बैंक से अलग कर लिया है। सेबी के पूर्व अध्यक्ष एम दामोदरन की अध्यक्षता में एक समूह सलाहकार समिति का भी गठन किया गया है।
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रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि ऐसा आरबीआई का भरोसा जीतने और नियामक नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। इसके लिए आरबीआई की ओर से कोई निर्देश नहीं दिये गये। पेमेंट्स बैंक में विजय शेखर शर्मा की 51 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी हिस्सेदारी पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के पास है। बोर्ड के पुनर्गठन को तार्किक फैसला बताया जा रहा है। अगर पेटीएम खुद को बैंक से अलग कर लेता है तो उसका यह दावा मजबूत हो जाएगा कि पेमेंट्स बैंक एक स्वतंत्र कंपनी है। पेमेंट्स बैंक जल्द ही नए चेयरमैन की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। बैंक के दो स्वतंत्र निदेशक पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।
आरबीआई के मुताबिक, 15 मार्च के बाद पेमेंट्स बैंक किसी भी तरह का डिपॉजिट, टॉप अप और क्रेडिट ट्रांजेक्शन नहीं कर सकेगा। नियामक नियमों के उल्लंघन के चलते यह कार्रवाई की गई। सूत्रों का दावा है कि बैंक के कई ग्राहकों की पहचान नहीं हो सकी है। इसके अलावा अपनी मूल कंपनी के साथ जुड़ाव के कई नियमों का भी उल्लंघन किया गया है।
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