Diwali Muhurat Trading 2025
मुहूर्त ट्रेडिंग हर साल दिवाली के अवसर पर आयोजित होने वाला एक विशेष सत्र है, जो सामान्यतः एक घंटे का होता है. “मुहूर्त” का अर्थ है शुभ समय. यह सत्र भारतीय शेयर बाजार में नए वित्तीय वर्ष की प्रतीकात्मक शुरुआत के रूप में देखा जाता है. इस दौरान BSI और NSI अपने टर्मिनल खोलते हैं और वास्तविक सौदे होते हैं, जिनका निपटान भी सामान्य दिन की तरह होता है. हालांकि, ज्यादातर निवेशक इस सत्र को प्रतीकात्मक रूप से देखते हैं, जैसे नए संवत की शुरुआत सकारात्मक इरादों के साथ करना. पारंपरिक रूप से, व्यापारी अपने पहले ऑर्डर से पहले खाता-बही पूजा या चोपड़ा पूजन करके इसे शुभ मानते हैं.
इस वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग 21 अक्टूबर, 2025 को होगी. प्री-ओपन सत्र दोपहर 1:30 बजे से 1:45 बजे तक चलेगा, जिसके बाद मुख्य ट्रेडिंग 1:45 बजे से 2:45 बजे तक होगी. समापन सत्र 3:05 बजे तक चलेगा. यह बदलाव पिछले दशकों के अनुभव से अलग है, जब यह सत्र आमतौर पर शाम 6 बजे के आसपास आयोजित होता था. एक्सचेंजों का मानना है कि दोपहर का समय संचालन को सरल बनाएगा, क्लियरिंग और सेटलमेंट प्रक्रिया में सुधार करेगा और वैश्विक निवेशकों, विशेषकर एनआरआई, के लिए भागीदारी को आसान बनाएगा.
मुहूर्त ट्रेडिंग का यह छोटा और ध्यान केंद्रित सत्र निवेशकों से सतर्कता और रणनीति की मांग करता है। इस समय निवेशकों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. खाता सक्रियता: अपने डीमैट और ट्रेडिंग खातों को पहले से सक्रिय रखें.
2. शेयर चयन: मजबूत बुनियादी बातें रखने वाले लार्ज-कैप और ब्लू-चिप शेयरों पर ध्यान दें.
3. ऑर्डर रणनीति: लिमिट ऑर्डर का प्रयोग करें और सट्टा या ओवर-ट्रेडिंग से बचें.
4. प्रतीकात्मक दृष्टिकोण: अनुभवी निवेशक इसे प्रतीकात्मक अनुष्ठान मानते हैं, जो नए वित्तीय वर्ष की सकारात्मक शुरुआत का संकेत देता है.
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