इंडिया न्यूज, चंडीगढ़। हरियाणा के इतिहास में 24 अप्रैल 2022 रविवार का दिन अपनी एक नई गाथा दर्ज करा गया, जब पानीपत की पावन धरा पर हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा भाव से मनाया गया।
राज्य सरकार द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में हरियाणा, पंजाब सहित देशभर से लाखों की संख्या में साध संगत गुरु कृपा का आशीर्वाद लेने पहुंची थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं भक्ति भाव में सराबोर नजर आए। सर्वप्रथम उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब जी के सामने शीश नवाया और गुरु कृपा का आशीर्वाद लिया।
मनोहर लाल ने कहा कि गुरुओं ने समाज और देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया था। जब 500 कश्मीरी पंडितों का जत्था श्री गुरु तेग बहादुर के पास आनंदपुर साहिब पहुंचा। उन्होंने औरंगजेब के अत्याचार के बारे में गुरु साहिब को अवगत करवाया, तब गुरु साहिब ने कहा हमें एक काम करना होगा और किसी महापुरुष का बलिदान देना होगा।
इस पर 8 वर्ष के गुरु साहिब के पुत्र गुरु गोबिंद सिंह ने कहा कि आपसे बड़ा बलिदानी कौन होगा और श्री गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपना शीश कुर्बान कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रेम, त्याग और बलिदान से भरपूर श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन व उनके आदर्शों से भावी पीढियों को प्रेरित करना है।
यह कार्यक्रम अपने आप में ऐतिहासिक रहा, जब विपक्ष के नेताओं सहित सभी धर्मों व सर्व समाज के लोगों ने दरबार साहिब में पहुँच कर हाज?ी लगाई।
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने कहा कि आज श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 प्रकाश पर्व के उपलक्ष में आयोजित इस विशाल समारोह में अपनी हाजिरी लगाकर उन्हें बड़ा गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने पूरे समाज को मानवता की सेवा, धर्म की रक्षा, त्याग और बलिदान का संदेश दिया।
गुरु जी के संदेश आज के समय में भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उस दौर में हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने इतने बड़े स्तर पर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व पर समारोह आयोजित किया है वह अपने आप में ऐतिहासिक है।
उन्होंने कहा कि सिखों के पहले गुरु श्री गुरु नानक देव जी ने करतारपुर साहिब में ही सिख धर्म की स्थापना की थी और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर खोलकर संगत को बहुत बड़ा तोहफा दिया।
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा दिया गया सर्वोच्च बलिदान और समुचित मानवता के लिए अपने जीवन को समर्पित करना हम सबके लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि सन 1675 में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के दरबार श्री आनंदपुर साहिब में कश्मीरी पंडितों का एक प्रतिनिधिमंडल मुगल शासक द्वारा करवाये जा रहे जबरन धर्म परिवर्तन से बचाव करने की फरियाद लेकर आया।
श्री गुरु तेग बहादुर जी भाई मतिदास, भाई सती दास और भाई दयाला जी के साथ दिल्ली गए और औरंगजेब की सेना ने सभी को बंदी बना लिया और धर्म परिवर्तन से मना करने पर भाई मतिदास, भाई सती दास और भाई दयाला जी को गुरु साहिब के सामने शहीद कर दिया।
श्री गुरु तेग बहादुर जी ने भी धर्म की रक्षा के लिए दिल्ली के चांदनी चौक पर अपना शीश कुर्बान कर दिया। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के परिवार की पाँच पीढ़ीयों ने धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, जो मानव जाति के लिए अविस्मरणिय गाथा है।
पवित्र समागम में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व पर इतना विशाल कार्यक्रम आयोजित करने के लिए हरियाणा सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन त्याग, बलिदान और प्रेम की अनूठी मिसाल रहा। उन्होंने कहा कि गुरु अर्जुन देव जी से लेकर श्री गुरु गोविंद सिंह जी के पुत्रों ने धर्म को जीवित रखने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने सदैव जात-पात के भेदभाव को खत्म करने सती प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों का विरोध किया। सांसद संजय भाटिया ने कहा कि हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व का यह समारोह अलौकिक है। राजनीति से ऊपर उठकर विपक्ष के नेताओं और सर्व समाज के लोगों ने इस समारोह में शिरकत की है, यह अपने आप में सम्मान की बात है।
इस मौके पर संजय भाटिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का लिखित संदेश भी पढ़ कर सुनाया। प्रधानमंत्री जी ने अपने संदेश में लिखा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व पर पानीपत में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन करने पर हरियाणा सरकार को बधाई व शुभकामनाएं।
श्री गुरु तेग बहादुर जी ने हमें गुरु सेवा और जीव सेवा का मार्ग दिखाया और सामाजिक समरसता का संदेश भी दिया। आज हमारा देश पूरी निष्ठा के साथ गुरुओं द्वारा दिखाए गए मार्ग और उनके आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है।
इस कार्यक्रम में एक क्षण ऐसा भी आया जब सांसद सुनीता दुग्गल ने भी भक्ति भाव से शब्द कीर्तन का पाठ कर पूरी साध संगत को मंत्र मुग्ध कर दिया।
श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर विश्वविख्यात रागी और ढाडी पहुंचे। पंथ के सिरमौर रागी भाई चमनजीत सिंह जी लाल, भाई बलविंदर सिंह रंगीला जी, भाई दविंदर सिंह सोढ़ी जी, भाई गगनदीप सिंह, श्रीगंगानगर ने शब्द पाठ और कीर्तन कर समूची साध संगत को भावविभोर कर दिया। वहीं ढाडी भाई निर्मल सिंह नूर जी ने भी अमृतमयी कीर्तन, गुरूमत प्रवचन और गुरु इतिहास से संगत को निहाल किया।
कार्यक्रम में पहुंची साध-संगत ने इतने बड़े स्तर पर श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश उत्सव मनाने के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार रणजीत सिंह, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, गुरु मां, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार हरमीत सिंह कालका एवं हरियाणा के खेल राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने समागम में शिरकत की।
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