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India News (इंडिया न्यूज़),Anant Sharma,Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में चुनावी बिसात बिछने के साथ ही दावेदारों को लेकर बैठकों में चर्चा कर रणनीति बनाई जा रही है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही प्रमुख पार्टी चुनाव समिति की घोषणा कर चुके हैं। चुनाव समिति आगामी चुनाव को लेकर रणनीतियों के साथ ही रोडमैप बनाने में लगी हुई है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही चुनावी बिसात भी बिछने लगा है। दोनों ही प्रमुख पार्टी आगामी चुनाव को लेकर रणनीतियों के तहत काम कर रहे है। एक तरफ जहां जमीनी कार्यकर्ताओं को मजबूत करने का काम किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर दावेदारों को लेकर भी रोडमैप तैयार किया जा रहा है। 2023 विधानसभा चुनाव को देखते हुए कल देर रात कांग्रेस चुनाव समिति की पहली बैठक हुई। बैठक में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ दीपक बैज समेत समिति के सदस्य मौजूद रहे।
बैठक के बाद कुमारी सैलजा ने नेताओं के दावेदारी को लेकर कहा कि दावेदारी को लेकर आगे और भी चर्चा की जाएगी। 17 अगस्त से ब्लॉक स्तर पर आवेदन लिए जाएंगे। जहां से पैनल बनाकर प्रस्ताव पीसीसी को भेजा जाएगा. वही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जो भी दावेदार हैं या जो भी इच्छुक हैं चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी से, वह अपने आवेदन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के पास देंगे।वहीं पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि 2018 में ब्लॉक स्तर पर आवेदन मंगवाए गए थे। वहीं रोडमैप तैयार किए गए हैं।
कांग्रेस चुनाव समिति की पहली बैठक संपन्न हो गई है। बीजेपी में भी लगातार तैयारियों का दौर जारी है। इस बार कांग्रेस 2018 के फार्मूले पर चलती हुई नजर आ रही है। तो वहीं बीजेपी अपनी स्ट्रैटजी में बदलाव करती नजर आ रही है। कल देर रात कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक को लेकर बीजेपी ने भी तंज कसा है। सरकार पर इनके केंद्रीय नेतृत्व को भरोसा नहीं है। भरोसा रहता तो टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम नहीं बनाया जाता।
विश्वास का ही सवाल है आपस में ही एक दूसरे पर विश्वास नहीं है, वहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि ये कांग्रेस की अपनी पॉलिसी है। जिन्होंने आवेदन दिया है जरूरी नहीं उन्हे टिकट मिले। टिकट के लिए भीड़ न लगे इसलिए ये तरीका लाए है। कांग्रेस में कैसे निर्णय होते है ये सबको पता है।
चुनावी शह मात के खेल में जहां बिसात बिछनी शुरु हो गई है तो वहीं बैठकों के माध्यम से जमीन मजबूत करने का काम भी किया जा रहा है। टिकट वितरण को लेकर जहां कांग्रेस 2018 के फार्मूले पर चलती हुई नजर आ रही है तो वहीं बीजेपी अब तक अपनी रणनीति बनाने में ही जुटी हुई है, हालांकि यह कहा जा रहा है कि इस बार बीजेपी और कांग्रेस कई नए चेहरों को मौका दे सकती है अब देखना होगा कि दोनों ही पार्टियों की रणनीतियों में जीत का ताज किसके सिर पर सजेगा।
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