Hindi News / Chhattisgarh / Girijabandh Hanuman Temple This 10 Thousand Year Old History Will Surprise You Why Is Hanuman Worshipped In Female Form In This Temple Of Chhattisgarh The Story Behind This Is Very Interesting

10 हजार साल पुराना ये इतिहास कर देगा हैरान! छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में क्यों नारी रूप में पूजे जाते हैं हनुमान? बेहद दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी

Girijabandh Hanuman Temple: पौराणिक कथा के अनुसार, तत्कालीन राजा पृथ्वी देवजू को कुष्ठ रोग हो गया था। उन्होंने इस रोग से मुक्ति पाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। तभी एक ज्योतिषी ने उन्हें भगवान हनुमान की उपासना करने की सलाह दी

BY: Pratibha Pathak • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज),Girijabandh Hanuman Temple: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर के समीप स्थित गिरजाबंध हनुमान मंदिर अपने आप में अनूठा है। इस मंदिर में बजरंगबली की नारी स्वरूप में पूजा की जाती है, जो किसी अन्य स्थान पर देखने को नहीं मिलता। इस मंदिर का इतिहास करीब 10 हजार साल पुराना बताया जाता है और इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं इसे और भी विशेष बनाती हैं।

राजा पृथ्वी देवजू की भक्ति से बना यह दिव्य स्थल

पौराणिक कथा के अनुसार, तत्कालीन राजा पृथ्वी देवजू को कुष्ठ रोग हो गया था। उन्होंने इस रोग से मुक्ति पाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। तभी एक ज्योतिषी ने उन्हें भगवान हनुमान की उपासना करने की सलाह दी। राजा ने कठिन तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिए और कहा कि अपने राज्य में एक मंदिर का निर्माण कराएं। साथ ही, एक सरोवर खुदवाने का निर्देश भी दिया, जिसमें स्नान करने से उनका रोग समाप्त हो जाएगा। राजा ने भगवान के आदेशानुसार कार्य किया और चमत्कारिक रूप से कुष्ठ रोग से मुक्ति पा ली। कुछ समय बाद राजा को फिर से स्वप्न आया, जिसमें हनुमान जी ने बताया कि सरोवर में उनकी एक प्रतिमा स्थित है, जिसे निकालकर मंदिर में स्थापित करना चाहिए। जब राजा के सेवकों ने सरोवर में खोजबीन की, तो उन्हें हनुमान जी की एक अद्भुत मूर्ति प्राप्त हुई, जिसमें वे नारी स्वरूप में थे। इस प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया गया और तभी से यहां श्रद्धालुओं की आस्था लगातार बढ़ती गई।

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Girijabandh Hanuman Temple: छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में क्यों नारी रूप में पूजे जाते हैं हनुमान?

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मंदिर की विशेषताएं और आस्था का केंद्र

इस मंदिर की मूर्ति की बनावट अन्य स्थानों पर स्थित हनुमान प्रतिमाओं से बिल्कुल अलग है। मूर्ति दक्षिणमुखी है, जिसमें हनुमान जी के कंधों पर भगवान राम और लक्ष्मण के स्वरूप दिखाई देते हैं। एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में लड्डुओं से भरी थाली है। इस प्रतिमा की चमक और इसकी दिव्यता भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

दूर-दूर से आते हैं लोग

स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। यहां दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं और मन्नत मांगते हैं। यह स्थान भक्तों के विश्वास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है, जहां हर समय श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। गिरजाबंध हनुमान मंदिर की यह अनोखी मान्यता और चमत्कारी इतिहास इसे छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक बनाता है। इस मंदिर से जुड़ी कथाएं और भक्तों की गहरी आस्था इसे और भी विशेष बना देती हैं।

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