इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Agricultural Laws शिरोमणि अकाली दल (शिअद) आज केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन कर रहा है। इस प्रदर्शन को शिअद ने ‘ब्लैक फ्राइडे प्रोटेस्ट मार्च’ का नाम दिया है। बता दें कि तीन कृषि कानूनों को एक साल पूरा हो गया है और इसी को लेकर शिअद ने गुरुद्वारा रकाबगंज से संसद तक मार्च का ऐलान किया है। तीनों कृषि कानून 17 सितंबर 2020 को संसद में पारित हुए थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत ने इनके विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। शिअद के प्रर्दान को देखते हुए नई दिल्ली जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। शंकर रोड इलाके में भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। ऐहतियातन दिल्ली से हरियाणा को जोड़ने वाली सीमाओं को भी सील कर दिया गया है और दिल्ली मेट्रो के पंडित श्री राम शर्मा और बहादुरगढ़ शहर मेट्रो स्टेशनों के एंट्री/एग्जिट गेट भी बंद कर दिए गए हैं। कई जगहों पर ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। इसके कारण सड़कों पर भारी जाम लग गया है। झंडेवालान-पंचकुइयां मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने भी किसानों के विरोध को देखते हुए झड़ौदा कलां बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया है। ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर लोगों से इस मार्ग के प्रयोग से बचने की सलाह दी है।
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शिअद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त होने तक हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। प्रदर्शन के दौरान कई किसान मारे गए हैं और कई अभी भी राज्य की सीमाओं पर बैठे हैं, लेकिन यह केंद्र सरकार की उदासीनता है।
नई दिल्ली के डीसीपी दीपक यादव ने बताया कि शिअद के मार्च को देखते हुए गुरुद्वारा रकाबगंज पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। नई दिल्ली जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के मौजूदा दिशानिदेर्शों के मद्देनजर विरोध मार्च की अनुमति नहीं दी गई है।डीसीपी ने बताया कि अकाली दल के सदस्य यहां पर इकट्ठा हुए हैं, इनके नेताओं से अभी हमारी बातचीत चल रही है, हमने इन्हें स्पष्ट रूप से बता दिया है कि प्रदर्शन की इजाजत नहीं है।
शिअद का कहना है कि देशभर में इन काले कृषि कानून के खिलाफ किसानों में रोष है। इन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले करीब 10 महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। 17 सितंबर, 2020 को संसद में तीन काले कृषि विधेयक पारित हुए, इसलिए 17 सितंबर को ब्लैक फ्राइडे के रूप में मनाया जा रहा है।
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