India News (इंडिया न्यूज),CM Rekha Gupta: दिल्ली सरकार ने अधिकारियों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं, जिनके तहत अब सांसदों और विधायकों के फोन कॉल, पत्र और संदेशों का तुरंत जवाब देना अनिवार्य होगा। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा शुक्रवार को जारी परिपत्र में स्पष्ट किया गया कि यदि किसी अधिकारी ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कुछ अधिकारियों के गैर-जिम्मेदाराना रवैये की शिकायत की थी।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र लिखकर बताया कि कई अधिकारी विधायकों के पत्रों, कॉल और संदेशों को न सिर्फ नजरअंदाज कर रहे हैं, बल्कि उन्हें स्वीकार तक नहीं कर रहे। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे विधायकों और सांसदों के संपर्क का तत्काल जवाब दें।
CM Rekha Gupta: अधिकारियों को देना होगा विधायकों-सांसदों के फोन का
परिपत्र में कहा गया है कि अधिकारियों को विधायकों और सांसदों के साथ व्यवहार करने में सरकारी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव (जीएडी) नवीन कुमार चौधरी द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि अब ऐसा कोई अवसर नहीं आना चाहिए जब जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों की लापरवाही की शिकायत करनी पड़े। इन निर्देशों की अवहेलना करने पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी और संबंधित अधिकारी के मूल्यांकन में इसे नकारात्मक रूप से देखा जाएगा।
इस मामले को लेकर दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री प्रवेश वर्मा ने भी अधिकारियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में सरकारी अधिकारी “मोटी चमड़ी” वाले हो गए हैं और अब उनकी चर्बी कम करने के लिए उन्हें सड़कों पर उतरकर पसीना बहाना होगा। उन्होंने अक्षरधाम क्षेत्र में एक नाले की सफाई सही ढंग से नहीं करने पर एक कार्यकारी अभियंता को निलंबित करने का आदेश भी दिया।
दिल्ली सरकार के इस फैसले का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विधायकों और सांसदों को अपनी शिकायतें बार-बार दोहराने के लिए मजबूर न होना पड़े। सरकार का मानना है कि जब तक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच समुचित संवाद नहीं होगा, तब तक प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार नहीं आ सकेगा। इस सख्त आदेश के बाद अब अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे विधायकों और सांसदों की शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया दें, अन्यथा उन्हें सजा का सामना करना पड़ेगा।