India News (इंडिया न्यूज़),Delhi Anti Sikh Riots: कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दूसरी बार उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए यह फैसला सुनाया। अदालत का यह फैसला दोपहर दो बजे आया, जिसे लेकर कोर्ट के बाहर दंगा पीड़ितों और सिख समुदाय के लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सज्जन कुमार को फांसी की सजा देने की मांग उठाई और नारेबाजी की।
कोर्ट ने सज्जन कुमार को सुनाई दूसरी बार उम्रकैद
यह मामला 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार इलाके में हुए दंगे से जुड़ा है, जिसमें दो सिख नागरिक जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस हिंसा के दौरान कई सिखों की निर्मम हत्या कर दी गई थी, उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। शुरुआत में यह मामला पंजाबी बाग थाने में दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में जस्टिस जीपी माथुर कमेटी की सिफारिशों के आधार पर गठित विशेष जांच दल (SIT) ने इसकी फिर से जांच की और चार्जशीट दाखिल की। सिख दंगा पीड़ितों का कहना है कि 2015 के बाद, जब कांग्रेस की सरकार गई और भाजपा सत्ता में आई, तब उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी। इस मामले में याचिकाकर्ता गुरलाड सिंह काहलों, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इस केस से जुड़ी महत्वपूर्ण याचिका दायर की थी, गुरलाड सिंह काहलों ने मांग की कि कांग्रेस नेता कमलनाथ, जगदीश टाइटलर समेत अन्य आरोपियों को भी जल्द से जल्द सजा दी जाए। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 12 फरवरी को ही सज्जन कुमार को इस मामले में दोषी ठहरा दिया था। अदालत के इस फैसले से पीड़ित परिवारों को आंशिक राहत जरूर मिली है, लेकिन वे इसे न्याय की पूरी प्रक्रिया नहीं मानते। दंगा पीड़ित अब भी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं।