India News (इंडिया न्यूज), Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले बड़ा राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी और जेल में बंद ताहिर हुसैन को AIMIM ने मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। हाई कोर्ट ने सोमवार को ताहिर हुसैन को पैरोल देते हुए नामांकन दाखिल करने की अनुमति दी, लेकिन सख्त शर्तें भी लगाई हैं।
सख्त शर्तों के साथ पैरोल मंजूर
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन पर गंभीर आरोप हैं। 2020 के दिल्ली दंगों में उनकी कथित भूमिका के कारण 59 लोगों की मौत हुई थी कोर्ट ने साफ किया कि आरोपी को सिर्फ नामांकन दाखिल करने के लिए पैरोल दी गई है। उन्हें किसी भी सार्वजनिक भाषण या मीडिया बयान से रोका गया है।
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पैरोल के दौरान लगाए गए प्रतिबंध:
– ताहिर हुसैन किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर बयान नहीं देंगे।
– वह मोबाइल, लैंडलाइन, या इंटरनेट का उपयोग नहीं कर सकते।
– केवल नामांकन प्रक्रिया से संबंधित अधिकारियों से बातचीत की अनुमति होगी।
– परिवार के सदस्य मौजूद रह सकते हैं, लेकिन फोटो खींचने या सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की इजाजत नहीं होगी।
AIMIM का विवादित दांव
AIMIM का यह कदम राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर रहा है। पार्टी ने न सिर्फ ताहिर हुसैन को टिकट दिया, बल्कि ओखला सीट से एक और विवादित उम्मीदवार, शिफा उर रहमान, को मैदान में उतारा है। शिफा उर रहमान पर UAPA के तहत केस दर्ज है और वह भी दिल्ली दंगों के मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
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विपक्ष ने साधा निशाना
इस कदम पर विपक्षी दलों ने AIMIM और ताहिर हुसैन को घेर लिया है। बीजेपी ने इसे “दंगाइयों का महिमामंडन” करार दिया है, जबकि कांग्रेस ने इसे “न्याय और कानून का मजाक” बताया है। आगामी चुनावों में ताहिर हुसैन की उम्मीदवारी पर यह विवाद AIMIM के लिए कितना लाभदायक या हानिकारक होगा, यह देखना दिलचस्प होगा लेकिन फिलहाल, राजनीतिक माहौल गरमा गया है।