AAP Councillor Pawan Sehrawat Joins BJP: दिल्ली में आज एमसीडी के स्थाई समिति के सदस्यों का चुनाव होना है। इस चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। AAP के बवाना पार्षद पवन सहरावत ने चुनाव के ठीक पहले बीजेपी का दामन थाम लिया है। इसके पहले दिल्ली एमसीडी में जमकर हंगामा और मारपीट हुई थी जिसके बाद स्थाई समिति का चुनाव नहीं हो सका था। MCD स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के लिए आज सदन की कार्यवाही सुबह 10 बजे शुरू होने वाली थी और इससे पहले ही पवन सहरावत ने आप को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करने वाले आप पार्षद ने कहा कि आम आदमी पार्टी में हो रहे भ्रष्टाचार की वजह से मैंने पार्टी छोड़ी है।
पवन सहरावत ने आम आदमी पार्टी छोड़ बीजेपी का दामन थामने के बाद केजरीवाल की पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी में सदन में हंगामा करने को दबाव बनाया जाता रहा है। मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के बाद उनके इशारे पर पार्षदों को हंगामा करने को कहा गया था। इसकी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ी है और बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि कल सदन में जो कुछ हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था।
Delhi AAP councillar join BJP in BJP Office
दिल्ली नगर निगम हाउस की बैठक शुक्रवार को सुबह 10 बजे बुलाई गई थी ताकि नागरिक निकाय के छह स्थायी समिति सदस्यों के लिए चुनाव प्रक्रिया पूरी की जा सके। इससे पहले 23 घंटे की कार्यवाही के बावजूद गुरुवार को सदन में गतिरोध जारी रहने के बाद मेयर शैली ओबेरॉय ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी थी। नगरपालिका सचिव भगवान सिंह ने कहा कि “चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता को बुरी तरह से चोट पहुंचाई गई है” और “चुनाव प्रक्रिया अब नए सिरे से शुरू होनी चाहिए।”
Delhi | Aam Aadmi Party's Bawana councillor, Pawan Sehrawat, joins BJP pic.twitter.com/IYUFhxkEzV
— ANI (@ANI) February 24, 2023
बुधवार की शाम से एमसीडी में हंगामा शुरू होने से पहले 250 सदस्यीय सदन में पार्षदों को पचपन मतपत्र वितरित किए गए। हंगामा गुरुवार तक जारी रहा और सचिव भगवान सिंह ने मेयर शैली ओबेरॉय को चुनाव फिर से शुरू करने की सिफारिश कराने के लिए कहा। सिंह ने कहा कि 55 मतपत्र जारी किए गए थे, लेकिन नगरपालिका सचिवालय इस बात से अनभिज्ञ थी कि कितने पार्षदों ने हाथापाई के बीच मतदान किया था। उन्होंने कहा कि मतपेटी को हटाया जाना था और जो सदस्य तब तक मतदान नहीं कर सके, उन्होंने अपने मतपत्रों को जेब में डाल लिया था।
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