India News (इंडिया न्यूज़),Sajjan Kumar News: 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप को जिंदा जलाने के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अपराध क्रूर और निंदनीय था, लेकिन आरोपी की उम्र और खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उसे मौत की सजा नहीं दी गई। अदालत ने अपराध को ‘दुर्लभतम से भी दुर्लभतम’ की श्रेणी में नहीं माना, जिससे मृत्युदंड से बचाव हुआ।
फैसले के बाद पीड़ितों और सिख संगठनों ने असंतोष जताया है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (DSGMC) के महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने कहा कि सज्जन कुमार को फांसी मिलनी चाहिए थी। सिख नेता गुरलाड सिंह काहलों ने भी कहा कि वे सरकार से अपील करेंगे कि उच्च न्यायालय में मौत की सजा की मांग की जाए।
Sajjan Kumar News: सज्जन कुमार को उम्रकैद लेकिन मौत की सजा क्यों नहीं?
यह मामला उसी घटना का हिस्सा है, जिसमें 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा दी थी। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों में पांच लोगों की हत्या का दोषी ठहराया गया था। पालम कॉलोनी मामले में भी उन पर पांच लोगों की हत्या का आरोप है, जिसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
सजा के ऐलान के बाद अदालत परिसर के बाहर DSGMC और पीड़ित पक्ष के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने ‘हाय-हाय’ के नारे लगाते हुए कहा कि इतने सालों बाद भी उन्हें पूरा न्याय नहीं मिला क्योंकि सज्जन कुमार को फांसी नहीं दी गई।
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