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Monday of Sawan:सावन के छठें सोमवार पर बन रहा गजब का संयोग, जानें पूजा विधि एवं महत्व

India news (इंडिया न्यूज़),Monday of Sawan: देश में आज सावन का छठा सोमवार मनाया जा रहा है। इस अवसर पर सावन का मासिक शिवरात्री भी पड़ रही है। इसलिए इस सोमवार का महत्व और भी बढ़ गयाा है। इसलिए आज सावन के छठे सोमवार का व्रत अपने आप में काफी खास है।अगर आप भगवान शंकर […]

BY: Ritesh kumar Bajpeyee • UPDATED :
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India news (इंडिया न्यूज़),Monday of Sawan: देश में आज सावन का छठा सोमवार मनाया जा रहा है। इस अवसर पर सावन का मासिक शिवरात्री भी पड़ रही है। इसलिए इस सोमवार का महत्व और भी बढ़ गयाा है। इसलिए आज सावन के छठे सोमवार का व्रत अपने आप में काफी खास है।अगर आप भगवान शंकर को खुश करना चाहते है तो इस सोमवार का व्रत करें। इस सोमवार व्रत को करने से आपके जीवन में आ रही सभी परेशानीयां महादेव की कृर्पा से दूर हो जाएगाी। पुराणों में वर्णन है कि जो भक्त सच्चे मन से सावन सोमवार का व्रत करते है, उनके जीवन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती है। इस अवसर पर महादेव की पूजा-अर्चना करते से माता पार्वती भी प्रसन्न होती हैं।

बन रहा है, सर्वार्थ सिद्धि योग 

Monday of Sawan:सावन के छठें सोमवार पर बन रहा गजब का संयोग, जानें पूजा विधि एवं महत्व

Sawan 2022

छठे सोमवार के दिन शुभ योग बन रहा है। इस अवसर पर महाशिवरात्री भी पड़ रही है।इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन कोई भी नया काम करने से सफलता हाशिल होती है। इस दिन अगर आप रोजगार शुरु कर रहे है तो आपको मान- सम्मान के साथ सफलता प्राप्त होगी। 14 अगस्त को शाम चार बजकर 40 मीनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग है। शास्त्रों में सर्वार्थ सिद्धि योग के बारे में वर्णन है कि इस दिन कोई भी काम करेने से पहले या कही जाने से पहले सोचना नहीं चाहिए।

आइए जानते है सोमवार व्रत विधि 

  • सावन के छठें सोमवार के दीन उठकर सबसे पहले स्नान करें । इसके बाद महादेव की पूजा अर्चना शुरु करें।
  • मन्यता है कि सोमवार व्रत के दिन भोले नाथ के पूजा अर्चना के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा करना चाहिए यानी कि शिव परिवार के सभी सदस्यों कि ध्यान करना उत्तम माना जाता है।
  • अभिषेक के लिए दुध और गंगाजल का उपयोग करना चाहिए।
  • अलग-अलग कष्टों के लिए विभिन्य अभिषेक का वर्णन है। महादेव का अभिषेक मधु से तब करना चाहिए जब किसी को असाध्य रोगों से मुक्ति नहीं मिल रही हो ।
  • गन्ने के रस से भी भगवान शंकर की अभिषेक का वर्णन मिलता है।
  • महादेव के बेलपत्र सबसे प्यारा होता है। इललिए आप बेलपत्र भी अर्पन कर सकते है।

इसके बाद भगवान शंकर की स्तुति पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करनी चाहिए। 

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:।।

मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।

मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:।।

शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।

श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:।।

वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय।

चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै व काराय नम: शिवाय:।।

यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय।

दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै य काराय नम: शिवाय:।।

पंचाक्षरमिदं पुण्यं य: पठेत शिव सन्निधौ।

शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते।।

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे ‘न’ काराय नमः शिवायः।।

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