होम / Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि में मां दुर्गा को करना चाहते हैं प्रसन्न तो भूलकर भी ना करें ये गलतियां

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि में मां दुर्गा को करना चाहते हैं प्रसन्न तो भूलकर भी ना करें ये गलतियां

Gargi Santosh • LAST UPDATED : March 20, 2023, 2:04 pm IST

Chaitra Navratri 2023: हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ मुख्य स्वरूपों की विशेष पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार हर साल नवरात्रि के चार पर्व मनाए जाते हैं जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि, एक शारदीय नवरात्रि और एक चैत्र माह में मनाई जाते हैं। माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा नौ दिनों तक पृथ्वी पर वास करते हुए अपने भक्तों के बीच रहती हैं।

कब से शुरू हो रहे नवरात्रि? 

इस साल नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेंगे। इसका समापन 30 मार्च को रामनवमी के दिन होगा। लेकिन क्या आप जानतें हैं कि नवरात्रि के दौरान कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें आपको करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं नवरात्रि पर क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए।

 भूल कर भी न करें ये गलतियां

  • नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना करते वक्त आप उसकी सही दिशा का विशेष ध्यान रखें।  वास्तु अनुसार माना जाता है कि कलश को हमेशा ईशान कोण पर स्थापित करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि ईशान कोण (उत्तर और पूर्व की दिशा के बीच का स्थान) में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। स्थापना से पहले से उस स्थान को अच्छे से साफ कर लें।
  • मान्यता है कि नवरात्रि में कलश स्थापना के अलावा अखंड ज्योति जलाना भी बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे माता अधिक प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
  • नवरात्रि के पहले दिन जिस स्थान पर आप पूजा करें वहां पर मां दुर्गा के साथ-साथ, माता लक्ष्मी, मां सरस्वती की तस्वीर को भी जरूर स्थापित करे। इसके अलावा इन सभी देवियों की विधि-विधान से पूजा करें। माना जाता है कि ऐसा करने से आपको धन लाभ होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • बता दें नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जाता है। ऐसे में पाठ के दौरान किसी भी व्यक्ति से बात न करें और न ही पाठ के दौरान अपने स्थान से उठें। मान्यता है कि ऐसा करने से पाठ का शुभ फल आपको प्राप्त नहीं होता है। यदि किसी कारणवश आप दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ नहीं कर पाते हैं तो आप कीलक व अर्गला स्रोत का पाठ कर सकते हैं।
  • पूजा के दौरान इस बात का ध्यान रखें कि आप जमीन पर बिना कोई वस्त्र या आसन बिछाए न बैठें। यदि संभव हो तो पूजा प्रारंभ करने से पहले आप लाल रंग का ऊनी वस्त्र या कंबल को भी आसन के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें: भारत में बने खिलौनों की विदेशी बाजारों में बढ़ी मांग, ‘मोटू-पतलू’ पढ़े चाइनीज टॉयज़ पर भारी

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT