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क्या सच में यूरोपीय देशों से पहले भारत में हो चुकी थी ईसाई धर्म की शुरुआत? आखिर क्या है हिंदुस्तान के सबसे पुराने चर्च की कहानी?

BY: Deepak • LAST UPDATED : December 24, 2024, 4:36 pm IST
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क्या सच में यूरोपीय देशों से पहले भारत में हो चुकी थी ईसाई धर्म की शुरुआत? आखिर क्या है हिंदुस्तान के सबसे पुराने चर्च की कहानी?

Christmas day 2024: भारत में ईसाई धर्म

India News (इंडिया न्यूज), Christmas day 2024: नागालैंड, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश… इन सभी राज्यों में एक बात समान है। ये ईसाई बहुल राज्य हैं। फिर भी ईसाई आबादी के मामले में केरल सबसे ऊपर है। दुनिया में ईसाइयों की सबसे ज्यादा आबादी अमेरिकी देशों में है। इसके बाद यूरोप और दूसरे महाद्वीप आते हैं। केरल में ईसाइयों की आबादी यूं ही ज्यादा नहीं है। इसके पीछे की वजह है वो ऐतिहासिक घटना जिसकी वजह से भारत में ईसाई धर्म की नींव पड़ी। इसकी शुरुआत केरल से ही हुई।

केरल, गोवा, मिजोरम… ईसाई धर्म को मानने वाले ज्यादातर लोग इन्हीं राज्यों में रहते हैं। भारत में ईसाई धर्म की शुरुआत कब और कैसे हुई, आइए इसे भी समझते हैं।

ईसा मसीह के 12वें शिष्य भारत पहुंचे

ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के 12 शिष्य थे, जिन्होंने इस धर्म को दुनिया में फैलाने के लिए 11 अलग-अलग रास्तों पर चलना शुरू किया। ईसाई धर्म को फैलाने के लिए उनके 12वें शिष्य सेंट थॉमस 52 ई. में समुद्री रास्ते से भारत के दक्षिणी तट पर पहुंचे।

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जिस समय वे भारत आए, उस समय यहां चोल वंश का साम्राज्य फैला हुआ था। उनकी भारत यात्रा केरल के मालाबार तट से शुरू हुई। वे 20 साल तक केरल और तमिलनाडु में रहे। सेंट थॉमस ने भारत के पलायुर में एक चर्च की स्थापना की और इसे धार्मिक स्थल के रूप में प्रचारित किया। इस चर्च को सेंट थॉमस चर्च के नाम से जाना जाता है। इसे दुनिया के सबसे पुराने चर्च का दर्जा मिला। इसके बाद उन्होंने भारत में 6 और चर्च की नींव रखी। जो ईसाइयों के प्रसिद्ध प्रार्थना स्थल के रूप में जाने गए।

इस दक्षिणी राज्य में हुआ था विरोध

कहा जाता है कि भारत में धर्म का प्रचार करने के बाद वे भारत के पूर्वी तट पर पहुंचे और यहां से चीन को पार किया। कुछ समय बाद वे भारत लौट आए और चेन्नई में बस गए। उन्होंने यहां के लोगों को ईसाई धर्म की शिक्षा देनी शुरू की, लेकिन यहां के लोगों ने उनका विरोध किया। चेन्नई के लोगों ने ईसाई धर्म स्वीकार नहीं किया। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यहां के लोगों ने सेंट थॉमस को प्रताड़ित किया। उनकी हत्या एक गुफा में कर दी गई। चेन्नई की उस गुफा को थॉमस माउंट के नाम से जाना जाता है। 1523 में पुर्तगालियों ने उनकी कब्र पर एक चर्च बनवाया था। बड़ी संख्या में ईसाई वहां आते हैं।

सबसे पहले भारत में पनपा ईसाई धर्म?

कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि जिस समय सेंट थॉमस भारत आए थे, उस समय यूरोपीय देशों में भी ईसाई धर्म नहीं था। यूरोपीय देशों से पहले भारत में ईसाई धर्म अपनी जड़ें जमा चुका था। देश के चर्चों में एक बार फिर क्रिसमस की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बाजार में तरह-तरह की क्रिसमस चाय और केक उपलब्ध हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में क्रिसमस के आयोजनों के लिए सजावट चल रही है।

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Christmas day 2024how Christianity come to IndiaSt Thomas

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