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India News (इंडिया न्यूज़), Draupadi: महाभारत की कहानी को द्रोपदी का नाम लिए बिना अधूरी मानी जाती है। इस कहानी में द्रोपदी का किरदार एक अहम किरदार के तौर पर था। जो पूरे महाभारत में सबसे ज्यादा उच्चारित किया गया था। उनके जीवन की हर एक घटना किस कर्म से ताल्लुक रखती है। द्रोपदी के चरित्र पर लांछन उठाए गए क्योंकि वह पांच पुरुषों से विवाह कर चुकी थी। वहीं लोगों के मन में यह सवाल भी कई बार आता है कि आखिर द्रौपदी ने पांच पुरुषों से विवाह क्यों किया था। इसके पीछे उनके पिछले जन्म से जुड़ी एक कहानी है।
बता दे की पुनर्जन्म में द्रौपदी ब्राह्मण की पुत्री थी, लेकिन काफी कम उम्र में उनकी शादी हुई। जिसके बाद उनके पति की मृत्यु हो गई। जिस वजह से द्रौपदी को अपने पिछले जन्म में विधवा के तौर पर जीना पड़ा। उन्होंने उसे दौरान ब्राह्मण और साधुओं की काफी सेवा की जिसके बाद साधुओं की कृपा हुई उनके दान और व्रत के कारण उन्हें वरदान मिला कि वह देवी लक्ष्मी के समान ही पूजी जाएगी। पुनर्जन्म में अल्प आयु में ही विधवा होने के कारण वह काफी परेशान थी। जिसके बाद एक ऋषि के कहने पर उन्होंने महादेव की तपस्या करना शुरू किया।
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तपस्या के दौरान द्रौपदी ने पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की आराधना की। जिससे भगवान शिव प्रसन्न हुए और द्रौपदी से मनचाहा वरदान मांगने के लिए कहा। जिस पर द्रौपदी इतनी प्रसन्न हुई कि उसने पांच बार लगातार “सर्वगुणयुक्त पति चाहती हूं” का वरदान मांगा। जिस पर भगवान शंकर ने कहा कि तुमने मुझसे पांच बार प्रार्थना की है इसलिए अगले जन्म में तुमको पांच पति मिलेंगे, जिस पर द्रौपदी ने कहा कि प्रभु मैं आपकी कृपा से सिर्फ एक ही पति चाहती हूं। जिस पर भगवान शिव ने कहा कि मेरा वरदान व्यर्थ नहीं जाएगा इसलिए तुम्हें पांच पति ही प्राप्त होंगे। इसके बाद द्रोपदी के रूप में उनका जन्म हुआ और उनकी शादी पांच पांडवों से हुई।
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