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पितृ दोष से हैं परेशान, नही मिल रहा पुण्य फल, फाल्गुन अमावस्या पर कर लें ये उपाय, मिल जाएगा मुक्ति का वरदान!

Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी को मनाई जाएगी। अमावस्या पर स्नान और दान का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि स्नान और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है।

BY: Preeti Pandey • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज),Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या 27 फरवरी को मनाई जाएगी। अमावस्या पर स्नान और दान का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि स्नान और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। ऐसा करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या पर पितर धरती पर भी आते हैं। इसलिए इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए ये काम करें।

अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए क्या करें?

  • फाल्गुन अमावस्या के दिन पितृ चालीसा, पितृ स्तोत्र और पितृ कवच का पाठ करें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  • अमावस्या के दिन पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करें। इसके बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान भी करें।
  • फाल्गुन अमावस्या के दिन गाय, कौआ, चींटियों और कुत्ते को भोजन कराएं। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।
  • अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद यानी शाम को घर के बाहर दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं।

फाल्गुन अमावस्या 2025 स्नान-दान मुहूर्त

  • फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ – 27 फरवरी को सुबह 8:08 बजे
  • फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का समापन – 28 फरवरी को सुबह 6:14 बजे
  • स्नान-दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05:09 बजे से 05:58 बजे तक
  • स्नान-दान के लिए अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:11 बजे से 12:57 बजे तक

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Falgun Amavasya 2025: पितृ दोष से हैं परेशान

पितृ दोष के लक्षण क्या हैं?

  • पितृ दोष के कारण परिवार की तरक्की में बाधा आती है। पितृ दोष के कारण घर में हमेशा कलह की स्थिति बनी रहती है।
  • विवाह और संतान से जुड़ी परेशानियां आने लगती हैं।
  • परिवार के सदस्यों पर हमेशा कलंक लगने का डर बना रहता है और समाज में उन्हें सम्मान नहीं मिलता।
  • बच्चे बुरे संस्कार वाले बनते हैं।
  • व्यापार में सफलता नहीं मिलती और परिवार में हमेशा क्रोध और द्वेष बना रहता है।
  • पहले से बने काम भी विफल हो जाते हैं।

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