Gujarati New Year 2025
गुजराती नव वर्ष का नाम और अर्थ
गुजराती नव वर्ष को आमतौर पर ‘बेस्तु वरस’, ‘वर्ष-प्रतिपदा’ या ‘पड़वा’ कहा जाता है. ‘बेस्तु वरस’ का शाब्दिक अर्थ होता है ‘नया साल’. यह दिन न केवल नए साल की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि इसे पारंपरिक रीति-रिवाजों और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से समाज और परिवार के लिए खुशहाली और समृद्धि की दुआ के रूप में मनाया जाता है.
गुजराती नव वर्ष का इतिहास भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत से जुड़ा है. ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने गोकुलवासियों को यह सिखाया कि उनका असली धर्म अपने गांव, अपनी फसल और मवेशियों की सुरक्षा करना है, न कि किसी देवता को प्रसाद चढ़ाकर वर्षा की कामना करना. गोकुलवासियों ने कृष्ण की बात मानी और इंद्रदेव की पूजा करना बंद कर दिया. इससे इंद्रदेव क्रोधित हो गए और सात दिन और सात रातों तक गोकुल में प्रकोप लाए. इस संकट में भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर लोगों और मवेशियों की रक्षा की. इसके बाद, इंद्रदेव ने अपनी गलती मानी और क्षमा याचना की. तब से गुजराती नव वर्ष के दिन गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा करने की परंपरा बन गई. इसे ‘बेस्तु वर्ष’ के रूप में मनाना, वर्ष के अच्छे आरंभ का प्रतीक बन गया.
गुजराती नव वर्ष का सबसे प्रमुख अनुष्ठान है चोपड़ा पूजन. इसका मतलब होता है पुराने खाता-बही को बंद करके नए चोपड़ा को देवी लक्ष्मी और सरस्वती की उपस्थिति में खोलना होता है. नए बहीखातों पर ‘शुभ’ और ‘लाभ’ लिखकर स्वस्तिक का चिन्ह बनाया जाता है, जिससे नए वित्तीय वर्ष में समृद्धि और लाभ की कामना होती है. यह दिन व्यापारियों के लिए विशेष महत्व रखता है. हालांकि दिवाली के दिन व्यवसाय बंद रहते हैं, लेकिन लाभ पंचमी के दिन चोपड़ा पूजन और बहीखाते की शुरुआत बड़े धूमधाम से की जाती है.
गुजराती नव वर्ष पर घरों की सफाई और सजावट की जाती है. लोग सुबह जल्दी उठते हैं, मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं और अपने घरों को दीपकों और रंगोली से सजाते हैं. इस दिन मिठाइयां बनाई जाती हैं, पटाखे जलाए जाते हैं और परिवार व मित्रों के साथ मिलकर खुशी मनाई जाती है.
इस खास दिन पर गुजराती नव वर्ष की शुभकामनाएं देना एक परंपरा है. आप अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को ‘साल मुबारक’ कहकर नए साल की खुशियों और समृद्धि की शुभकामनाएं दे सकते हैं. यह दिन न केवल नए आरंभ का प्रतीक है, बल्कि एकता, खुशहाली और परंपरा की याद दिलाने वाला भी है.
Jayalalithaa Death Mystery: अपने जमाने की सिनमा स्टार और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता…
Ayushman Card Yojana: आयुष्मान भारत योजना के तहत केंद्र सरकार हर साल लोगों को 5…
What Does POCCNR Mean: रूस के राष्ट्रपति पुतिन 4 दिसंबर की शाम को भारत पहुंचे.…
Dhurandhar Facing Content Delivery Issues: अदित्य धर की फिल्म 'धुरंधर' को कंटेंट डिलीवरी में काफी…
Dhurandhar Controversy: आदित्य धर की फिल्म 'धुरंधर' 5 दिसंबर शुक्रवार को बड़े पर्दे पर रिलीज…
Cold Wave Alert: उत्तर भारत के लोगों को ठंड से जरा भी राहत नहीं मिलती…