इंडिया न्यूज़,नई दिल्ली
How To Handle An Angry Person नारद मुनि और विष्णु जी से एक जुड़ा किस्सा है। नारद मुनि जब विश्वमोहिनी नाम की राजकुमारी से विवाह करने के लिए त्यार हो गए। तो उन्होंने विष्णु जी से सुंदर रूप की मांग की। विष्णु जी ने नारद जी को बंदर का मुंह दे दिया थ। उस स्वयंवर में राजकुमारी नारद मुनि को देख कर जोर -जोर से हंसने लगी थी। और विष्णु जी को वरमाला पहना दी थी। इस बात से नारद मुनि बहुत हुई ज्यादा क्रोधित हो गए थे।
नारद जी ने गुस्से में विष्णु जी को एक शाप दे दिया था। दरअसल विष्णु जी ने नारद मुनि का अहंकार तोड़ने के लिए ये सब माया रची थी। जब विष्णु जी ने अपनी माया को हटाया तो वहां विष्णु जी और नारद जी ही खड़े थे।
नारद मुनि ने कहा मुझसे ये बड़ा पाप हो गया है। अब आप ही बताइए कि यह पाप कैसे कटेगा। तब विष्णु जी बोले भूल सबसे ही हो जाती है। गुस्से में अपनी वाणी पर संयम नहीं रह पाता है। मैं आपको मन शांत करने का एक तरीका बताता हूँ। आप शिव जी के इस मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप आरंभ करें।
इस किस्से में विष्णु जी ने बताया की शांति पाने का कोई न कोई साधन जरूर होता है। यहां ऊँ नम: शिवाय मंत्र को शांति देने वाला ही बताया गया है। दूसरा संदेश विष्णु जी ने यह दिया कि जब नारद गलतफहमी में विष्णु जी को गलत बातें कह रहे थे, उस समय बी विष्णु जी ने बड़प्पन दिखते हुए समझदारी दिखाई।
क्योंकि उनको पता था की गलती नारद की नहीं, इनके अंदर के क्रोध की है। जब हमारा भी कोई करीबी गुस्से में हो तो हमे भी बुराई दूर करनी चाहिए और शांति से काम लेना चाहिए।
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