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India News (इंडिया न्यूज), Mystery of Padmanabhaswamy Temple Thiruvananthapuram: भारत के प्राचीन मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला, धार्मिक मान्यता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध हैं। इन्हीं में से एक है केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि अपने अनूठे नियमों और अपार धन-सम्पत्ति के कारण भी चर्चित है। आइए, इस मंदिर की विशेषताओं और उससे जुड़ी परंपराओं को विस्तार से समझते हैं।
पद्मनाभस्वामी मंदिर तिरुवनंतपुरम शहर में स्थित है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है, जो यहां शेषनाग पर लेटे हुए मुद्रा में विराजमान हैं। मान्यता है कि तिरुवनंतपुरम का नाम भगवान विष्णु के इस रूप ‘अनंतनाग’ से प्रेरित है। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय का प्रमुख तीर्थस्थल है और इसकी स्थापना त्रावणकोर के राजाओं द्वारा की गई थी।
मंदिर का मुख्य गर्भगृह और वास्तुकला अद्वितीय है। इसके अलावा, मंदिर के तहखाने, जिनमें बेशुमार खज़ाना मौजूद है, इसे दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में से एक बनाते हैं। अनुमानित संपत्ति लगभग 1,20,000 करोड़ रुपये है, जो इस मंदिर को विशेष बनाती है।
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पद्मनाभस्वामी मंदिर की परंपराएं अन्य मंदिरों से काफी अलग हैं। खास बात यह है कि मंदिर के गर्भगृह और तहखाने में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। हालांकि, बाहरी हिस्से में महिलाओं को दर्शन और पूजा की अनुमति है।
मंदिर के तहखाने में आयोजित आरती में महिलाओं को भाग लेने की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही, वे तहखाने में स्थित दानपेटी में दान भी नहीं कर सकतीं। हालांकि, बाहरी क्षेत्र में दान करने या ऑनलाइन दान की अनुमति है। पुजारी मानते हैं कि अगर महिलाएं तहखाने में प्रवेश करेंगी, तो खजाने पर बुरी नज़र पड़ सकती है।
मंदिर में प्रवेश के लिए पुरुषों और महिलाओं के लिए विशेष पहनावे निर्धारित हैं। पुरुष केवल धोती पहनकर ही प्रवेश कर सकते हैं, जबकि महिलाओं के लिए साड़ी अनिवार्य है। चूड़ीदार, सलवार सूट या अन्य पश्चिमी परिधानों में प्रवेश निषेध है। यह ड्रेस कोड मंदिर की पारंपरिक मान्यताओं को बनाए रखने के लिए आवश्यक माना गया है।
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पद्मनाभस्वामी मंदिर का खजाना इसकी विशेषता है। तहखानों में रखे हुए आभूषण, सोने की मूर्तियां, और बेशकीमती रत्न मंदिर की धन-सम्पत्ति का हिस्सा हैं। यह खजाना देश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है। हालांकि, इन तहखानों को खोलने और खजाने का उपयोग करने को लेकर आज भी विवाद और रहस्य कायम है।
मंदिर में महिलाओं के प्रति बनाए गए नियमों को लेकर समाज में विभिन्न मत हैं। कई लोग इसे धार्मिक परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के रूप में देखते हैं, जबकि कुछ इसे लैंगिक असमानता के रूप में देखते हैं। मंदिर प्रशासन का मानना है कि ये नियम सदियों पुरानी परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं का हिस्सा हैं।
पद्मनाभस्वामी मंदिर की ख्याति इतनी है कि यहां हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। विदेशी भक्त भी इस मंदिर की भव्यता और दिव्यता से आकर्षित होते हैं।
पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके नियम और परंपराएं भले ही विवादित हो सकती हैं, लेकिन इसका आध्यात्मिक महत्व और ऐतिहासिक धरोहर अनुपम है। यह मंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता को साकार करता है।
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