Dussehra 2022:- नवरात्र के समापन के साथ ही दशहरा का पर्व मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते हैं। क्योंकि इस दिन आदर्शवादी प्रभु श्रीराम ने लंकापति रावण को वध करके अहंकार और अधर्म का नाश किया था। दशहरा के पर्व को काफी माना जाता है। इस दिन मांगलिंक और शुभ कार्य करना अच्छा मानते हैं। आज के दिन बिना किसी शुभ मुहूर्त को देखे मुंडन, छेदन, भुमि पूजन, नया व्यापार, वाहन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। इस साल दशहरा के दिन काफी दुर्लभ संयोग बन रहा है। यहां जानिए दशहरा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
आश्विन मास की दशमी तिथि को सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद इस मंत्र के साथ संकल्प लें।
Dussehra 2022
मम क्षेमारोग्यादिसिद्ध्यर्थं यात्रायां विजयसिद्ध्यर्थं
गणपतिमातृकामार्गदेवतापराजिताशमीपूजनानि करिष्ये।
इसके बाद देवी-देवता, शमी, अस्त्र, शस्त्र आदि का पूजा करें। इसके साथ ही देवी अपराजिता की पूजा विधिवत तरीके से करें।
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