Hindi News / Dharam / Only These 7 People Could Have Killed Kichak Who Cast Evil Eye On Draupadi What Was So Special

द्रौपदी पर बुरी नजर डालने वाले 'कीचक' का ये 7 लोग ही कर सकते थे अंत? ऐसी क्या थी खासियत

Draupadi In Mahabharat: कीचक जैसे महाबली का वध सिर्फ 7 लोग कर सकते थे: बलराम, द्रोणाचार्य, भीष्म, श्रीकृष्ण, भीम और कर्ण। इन सभी में से केवल भीम ही इस समय अज्ञातवास पर थे, इसलिए कर्ण ने यह निष्कर्ष निकाला कि कीचक का वध भीम ने किया।

BY: Prachi Jain • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Draupadi In Mahabharat: महाभारत की गाथा न केवल युद्ध की कहानी है, बल्कि इसमें मानवीय भावनाओं, संघर्षों और प्रतिशोध की गहराइयों को भी समेटे हुए है। इस कड़ी में एक महत्वपूर्ण पात्र है कीचक, जो पांडवों के अज्ञातवास के दौरान विराट नगर में अपनी शक्ति और दुराचारी प्रवृत्तियों के लिए जाना जाता है।

पांडवों का अज्ञातवास

पांडवों ने 12 वर्षों का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास बिताने के लिए विराट नगर का चुनाव किया। यह समय उनके लिए कठिनाइयों और चुनौतियों से भरा हुआ था। विराट नगर के राजा विराट और उनकी पत्नी रानी सुदेष्ण ने पांडवों को आश्रय दिया। पांडवों ने अपने असली नाम और रूप बदलकर यहां रहना शुरू किया। द्रौपदी ने सैरंध्री नाम से रानी सुदेष्ण की सेविका का कार्य किया।

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Draupadi In Mahabharat: कीचक जैसे महाबली का वध सिर्फ 7 लोग कर सकते थे: बलराम, द्रोणाचार्य, भीष्म, श्रीकृष्ण, भीम और कर्ण। इन सभी में से केवल भीम ही इस समय अज्ञातवास पर थे, इसलिए कर्ण ने यह निष्कर्ष निकाला कि कीचक का वध भीम ने किया।

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कीचक का दुराचार

विराट नगर का सेनापति कीचक, जो रानी सुदेष्ण का भाई भी था, ने द्रौपदी पर मोहित हो गया। कीचक ने अपनी बहन से कहा कि वह सैरंध्री को उसके पास भेजे। सुदेष्ण ने कीचक को प्रसन्न करने के लिए द्रौपदी को उसके पास भेजने का निर्णय लिया। लेकिन कीचक ने द्रौपदी के साथ दुराचार करने का प्रयास किया, जिससे वह सफल नहीं हो पाया।

भीम का प्रतिशोध

जब द्रौपदी ने अपनी समस्या भीम को बताई, तो भीम अत्यंत क्रोधित हो गए। द्रौपदी के कहने पर, उन्होंने कीचक को एक गुप्त स्थान पर बुलवाया। वहां दोनों के बीच भयंकर युद्ध हुआ। अंत में, भीम ने कीचक को भयंकर तरीके से मार डाला, जिसके बाद कीचक के अंगों को उसके शरीर में इस प्रकार घुसा दिया कि वह मांस का गोला बनकर रह गया।

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कीचक की शक्ति

कीचक की शक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसकी मृत्यु की खबर जब हस्तिनापुर पहुंची, तो कर्ण ने दुर्योधन को बताया कि कीचक जैसे महाबली का वध सिर्फ 7 लोग कर सकते थे: बलराम, द्रोणाचार्य, भीष्म, श्रीकृष्ण, भीम और कर्ण। इन सभी में से केवल भीम ही इस समय अज्ञातवास पर थे, इसलिए कर्ण ने यह निष्कर्ष निकाला कि कीचक का वध भीम ने किया।

निष्कर्ष

कीचक की कहानी न केवल पांडवों के संघर्ष की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, बल्कि यह द्रौपदी की गरिमा, भीम के प्रतिशोध और धर्म की रक्षा का भी प्रतीक है। महाभारत में इस प्रकार की घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि अन्याय का सामना करना और धर्म की रक्षा करना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। यह कहानी आज भी हमें प्रेरित करती है कि हमें अपनी क्षमताओं का सही उपयोग करना चाहिए और अत्याचार के खिलाफ खड़े होना चाहिए।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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