इंडिया न्यूज, मुंबई:
मुंबई और उसके मराठा में धूमधाम से मनाये जाने वाले Ganesh Utsav की धूम उसके प्रारंभिक स्थल मिथिलांचल के मधेपुरा है। इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है। मुंबई में प्रत्येक वर्ष उत्सवी माहौल में आयोजित गणेश उत्सव की शुरूआत सर्वप्रथम वर्ष 1886 में जिले के शंकर पुर से हुई थी।
इस समय सिनेमा के पर्दे से लेकर टीवी कार्यक्रमों में महाराष्ट्र में आयोजन होने वाली गणेश महोत्सव के बारे में लोग उसकी भव्यता को देखते है। लोगों के बीच इस बात की धारणा बन गयी है कि गणेश उत्सव का शुभारंभ महाराष्ट्र से हुआ है। जबकि सच कुछ और ही है। इतिहासकारों के अनुसार देश में सबसे पहले बिहार के मिथिला क्षेत्र में गणेश उत्सव की शुरुआत हुआ था।
ganesh chaturthi
महराजा रूद्र सिंह के पोते और महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह के भाई और आप्त सचिव बाबू जनेश्वर सिंह ने 1886 के आसपास ही वर्तमान मधेपुरा जिले के शंकरपुर में सार्वजनिक रूप से गणेश पूजा की शुरूआत की थी। जबकि महराष्ट्र में इसके करीब सात साल बाद 1893 में गणेश उत्सव सार्वजनिक रूप से आयोजित किया जाने लगा। ऐसे में गणेश उत्सव की सार्वजनिक रूप से मनाने का श्रेय शंकरपुर के लोगों को जाता है।