India News (इंडिया न्यूज),Shani amavasya 2025: 29 मार्च 2025 को शनि अमावस्या और पहला सूर्य ग्रहण का विशेष संयोग बन रहा है। वैदिक ज्योतिष में शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण का विशेष ज्योतिषीय महत्व है क्योंकि दोनों ही घटनाएं मानव जीवन को प्रभावित करती हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस खास दिन कुछ बातों का ध्यान रखने से लोग जीवन में शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं और परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं। जानिए शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण के दिन शुभ फल पाने के लिए क्या करें और क्या न करें-
शनि अमावस्या के दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दिन गाय, कुत्ते और कौवे आदि को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए।
Shani amavasya 2025: शनि अमावस्या-सूर्य ग्रहण का महासंयोग
इस दिन व्यक्ति को क्रोध, छल-कपट और गलत तरीकों से धन कमाने से भी बचना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि दोष के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
चैत्र अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या के दिन बाल, नाखून और रोटी काटना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस दिन लोगों को मांस-मदिरा जैसे मांसाहारी भोजन का सेवन करने से भी बचना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
शनिश्चरी अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र और तेल का दान करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
शनि की कृपा पाने के लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
मान्यता है कि अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनिदेव के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान मंत्र जाप और ध्यान करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को दोपहर 02:20 बजे शुरू होगा और शाम 06:16 बजे समाप्त होगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। जिसके कारण सूतक काल के नियम लागू नहीं होंगे। हम यह दावा नहीं करते कि इस लेख में दी गई जानकारी पूरी तरह सत्य और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।