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हताश को भी उम्मीद में बदल देंगे बाबा नीम करोली के ये 5 वचन-IndiaNews

India News (इंडिया न्यूज), Baba Neem Karoli: बाबा नीम करौली (Neem Karoli Baba) भारतीय संत थे, जिन्हें उनके अनुयायी बहुत आदर और सम्मान देते हैं। नीम करोली बाबा के वचनों में अक्सर ध्यान और सेवा के महत्व को जोर दिया गया है। उनके विचारों के अनुसार, यदि हम ध्यान, सेवा, और भक्ति के माध्यम से […]

BY: Prachi Jain • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Baba Neem Karoli: बाबा नीम करौली (Neem Karoli Baba) भारतीय संत थे, जिन्हें उनके अनुयायी बहुत आदर और सम्मान देते हैं। नीम करोली बाबा के वचनों में अक्सर ध्यान और सेवा के महत्व को जोर दिया गया है। उनके विचारों के अनुसार, यदि हम ध्यान, सेवा, और भक्ति के माध्यम से अपने कर्तव्यों को निभाते हैं, उनके वचनों में जीवन के कई महत्वपूर्ण संदेश छिपे होते हैं जो निराशा में भी आशा की किरण ला सकते हैं। यहाँ बाबा नीम करौली के पाँच प्रेरणादायक वचन दिए गए हैं:

बाबा नीम करौली के पाँच वचन:

1. “सब एक ही हैं।”

इस वचन का अर्थ है कि हम सभी एक ही ईश्वर के अंश हैं और हमें एक दूसरे के प्रति प्रेम और सद्भावना रखनी चाहिए। यह संदेश हमें आपसी मतभेदों को भुलाकर एकता और सामंजस्य की ओर प्रेरित करता है।

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2. “प्रेम ही भगवान है।”

इस वचन में बाबा ने प्रेम को भगवान के समान बताया है। जब हम प्रेम और करुणा का पालन करते हैं, तो हम ईश्वर के निकट होते हैं। यह वचन हमें सिखाता है कि प्रेम ही सच्ची भक्ति और जीवन का सार है।

3. “मुझे क्रोध में भी अपना चेहरा नहीं दिखता।”

इस वचन का तात्पर्य है कि क्रोध में हमें अपना सच्चा स्वरूप और सच्चाई नहीं दिखती। क्रोध हमें सही और गलत में भेद नहीं करने देता। हमें संयम और धैर्य का पालन करना चाहिए।

4. “कर्म करो, फल की चिंता मत करो।”

इस वचन में भगवान श्रीकृष्ण के गीता के उपदेश का सार है। हमें अपने कर्म करते रहना चाहिए और फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह वचन हमें निःस्वार्थ भाव से कर्म करने की प्रेरणा देता है।

5. “जो कुछ भी होता है, अच्छे के लिए होता है।”

इस वचन में बाबा ने हमें सिखाया कि हर घटना का एक उद्देश्य होता है और अंततः सब कुछ अच्छे के लिए ही होता है। यह वचन हमें सकारात्मक दृष्टिकोण रखने और हर परिस्थिति में आशा बनाए रखने की शिक्षा देता है।

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निष्कर्ष:

बाबा नीम करौली के ये वचन हमारे जीवन में आशा और सकारात्मकता का संचार करते हैं। ये वचन हमें सिखाते हैं कि प्रेम, करुणा, धैर्य और निःस्वार्थ कर्म ही जीवन का असली मार्ग है। जब भी आप निराश महसूस करें, इन वचनों को याद करें और अपनी आस्था को पुनः जीवित करें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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