होम / Vastu Tips for Water: वास्तु के अनुसार इस दिशा में रखें जल की व्यवस्था, हमेशा परिवार में रहेंगी समृद्धी

Vastu Tips for Water: वास्तु के अनुसार इस दिशा में रखें जल की व्यवस्था, हमेशा परिवार में रहेंगी समृद्धी

Mudit Goswami • LAST UPDATED : January 30, 2024, 1:37 am IST
ADVERTISEMENT
Vastu Tips for Water: वास्तु के अनुसार इस दिशा में रखें जल की व्यवस्था, हमेशा परिवार में रहेंगी समृद्धी

Vastu Tips for Water

India News (इंडिया न्यूज़), Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में पांच तत्वों का संतुलन मनुष्य को स्वास्थ्य और खुशहाली के साथ हर प्रकार का सुख प्रदान करता है। ये पांच तत्व अग्नि, पृथ्वी, वायु, जल और आकाश हैं। कम से कम कहने के लिए, ये पांच प्राकृतिक तत्व निर्जीव हैं, लेकिन मनुष्य इन पांच तत्वों का जीवित अवतार है। जल ही जीवन है, जल का उचित उपयोग और वास्तुशास्त्र के अनुसार पानी की निकासी किस दिशा में करनी चाहिए, बोरिंग किस दिशा में करनी चाहिए और पानी कहां जमा करना चाहिए, इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और काम शुरू करने से पहले भवन निर्माण, जल की तैयारी करनी चाहिए. समुचित व्यवस्था करना अनिवार्य है।

प्राचीन काल में सार्वजनिक जल के स्रोत नदियाँ, तालाब, कुएँ आदि हुआ करते थे, धीरे-धीरे हैण्डपम्पों का युग आया, फिर बोरिंगों, नगर पालिका के नलों आदि से जल एकत्र करने के लिए भूमिगत टैंकों का निर्माण किया जाने लगा। पानी जमा करने के लिए छत पर टैंक भी रखे गए थे। यदि जल का कोई स्रोत वास्तु सम्मत है तो घर में सुख-शांति का माहौल बना रहता है।

ईशान कोण में करें इन चीजों का निर्माण

नल कुआं, बोरिंग, भूमिगत टैंक, हैंडपंप आदि का निर्माण सदैव ईशान कोण में करना चाहिए। ईशान के अलावा उत्तर, ईशान, पूर्व, पूर्व ईशान में भी जल का स्रोत हो सकता है। यदि जल का स्रोत सही दिशा यानि पूर्वी या उत्तरी ईशान कोण में हो तो इससे संतान, सुख, समृद्धि और यश में वृद्धि होती है। अक्सर पाया गया है कि जिन भवनों में पानी के स्रोत उत्तर-पूर्व के अलावा अन्य दिशाओं में बने होते हैं, उनके मालिकों को कई तरह से नुकसान उठाना पड़ता है।

पानी की व्यवस्था करें ईशान कोण में

वैसे तो पानी की व्यवस्था ईशान कोण में करना शुभ माना जाता है, लेकिन छत पर पानी जमा करने के लिए पानी की टंकी दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगानी चाहिए, ताकि ईशान कोण भारी न हो। . वास्तु शास्त्र में पश्चिम और दक्षिण दिशा में पानी का स्रोत अच्छा नहीं माना जाता है लेकिन पानी जमा करने के लिए छत पर टैंक आदि बनाया जा सकता है। वास्तुशास्त्र में इस हेतु दक्षिण-पश्चिम दिशा को ‘सर्वोत्तम’ फलदायी तथा पश्चिम एवं दक्षिण दिशा को ‘मध्यम’ फलदायी माना गया है।

Also Read:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT