Vishwakarma Puja 2022: पूरे देश में कल 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाएगी। हर साल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को ही की जाती है। सूर्य के परागमन के आधार पर विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। मान्यता के मुताबिक भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के महल तथा अस्त्र-शस्त्र का निर्माण किया था। इसलिए उन्हें शिल्पकार भी कहते हैं। उनका देव शिल्पी कहा जाता है। उन्होंने सतयुग में स्वर्ग लोक, द्वापर में द्वारका, त्रेतायुग में लंका और कलियुग में जगन्नाथ मंदिर की विशाल मूर्तियों का निर्माण किया। इसके अलावा 11 ऋचाएं लिखकर ऋगवेद में इनके महत्व का वर्णन किया गया है।
आपको बता दें कि विश्वकर्मा जयंती पर शुभ मुहूर्त में पूजन करने से कारोबार में इजाफा हो सकता है। इसके अलावा शुभ मुहूर्त में पूजन करने से आप धनवान भी बन सकते हैं। इस साल पूजा का मूहर्त 17 सितंबर को सुबह 07:36 से लेकर रात 09:30 बजे तक है। साथ ही अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 से लेकर दोपहर 12:40 तक है। बता दें कि राहुकाल में भगवान विश्वकर्मा की पूजा नहीं करनी चाहिए।
भगवान विश्वकर्मा की पूजा विधि-विधान के साथ करने के लिए सबसे पहले पूजा की सभी जरूरी सामग्री जैसे फूल, धूप, अक्षत, रक्षा सूत्र, रोली, चंदन, सुपारी, अगरबत्ती, दही, फल और मिठाई की व्यवस्था कर लें। इन सब के बाद दुकान, ऑफिस आदि के स्वामी को स्नान कराकर पूजा के आसन पर बैठना चाहिए। इसके बाद विधि-विधान से कलश को स्थापित करें।
जिसके बाद विधि-विधान के अनुसार पूजा करें। पूजा को धैर्यपूर्वक करें। पूजा संपन्न होने के बाद सबके साथ प्रसाद ग्रहण करें और फिर पूजा का स्थान छोड़ें। भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर इंसान को करनी चाहिए। उनके पूजन से सबको प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है। इसके अलावा आपके कार्य में आने वाली सभी अड़चने भी खत्म हो जाती हैं।
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