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इंडिया न्यूज, जेनेवा:
WHO On Covid Vaccine विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि दुनिया भर में लोगों को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के साथ ही इन्फ्लुएंजा से भी खुद को सुरक्षित रखने के लिए वैक्सीन जरूर लगानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोग इन वायरस से संक्रमित हैं तो उन्हें घर से बहुत जरूरी हो तभी बाहर निकलना चाहिए। इसी के साथ जिन लोगों ने अब तक कोरोना या फ्लू की वैक्सीन नहीं लगवाई है उन्हें जल्द टीका लगवा लेना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के कोरोना मामलों की तकनीकी प्रमुख डॉक्टर मारिया वान केरखोवे ने ये बातें कही हैं।
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डॉक्टर केरखोवे ने कोरोना के डेल्टाक्रॉन संक्रमण को लेकर भी बयान जारी कर संभी शंकाओं को दूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि डेल्टक्रॉन जैसी कोई चीज असल में नहीं है। उन्होंने आशंका जताई है कि डेल्टाक्रॉन जीनोम सीक्वेंसिंग के दूषित हो जाने का मामला ज्यादा लगता है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि कोई व्यक्ति कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट से संक्रमित हो सकता है। डॉक्टर केरखोवे ने कहा कि इसके पहले उदाहरण मिले हैं कि कोई व्यक्ति इन्फ्लुएंजा और कोरोना जैसे अलग-अलग वायरस से भी संक्रमित रहा हो।
हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि साइप्रस में कोरोना की ऐसी स्ट्रेन मिली है, जिसमें डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट दोनों ही पाए गए। इसे डेल्टाक्रॉन नाम दिया गया। ब्लूमबर्ग ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा था कि साइप्रस में अब तक 25 ऐसे केस मिल चुके हैं, जो डेल्टक्रॉन से संक्रमित थे। इस तरह की शंकाओं को दूर करने के लिए ही डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक ने बयान जारी कर इस बारे में स्पष्ट किया है।
देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के नए मामले कल तक 620 रिपोर्ट किए गए। इसके साथ ही देश में इस वैरिएंट के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 5,488 हो गई है। इनमें से ओमिक्रॉन पीड़ित 2162 लोग स्वस्थ हो गए हैं या देश छोड़कर चले गए हैं। वहीं वर्तमान में महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सबसे अधिक 1,367 मामले हैं। वहीं राजस्थान दूसरे नंबर पर है। इस राज्य में इस नए वैरिएंट के 792 मामले, देश की राजधानी दिल्ली में 549, केरल में 486 और कर्नाटक में 479 मामले अब तक सामने आ चुके हैं।
मेदांता हॉस्पिटल (गुरुग्राम) के सीनियर सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने इस बीच कहा कि अब तक मिले आंकड़ों से पता चलता है कि डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन ज्यादा संक्रामक है, लेकिन उससे यह वैरिएंट कम घातक है। उन्होंने बताया, डेल्टा फेफड़ों को काफी तेजी से डैमेज करता था जिससे आॅक्सीजन लेने में दिक्कत होती थी। डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि देश में कोरोना के केस बढ़ रहे है और लोगों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन पिछले साल की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में आईसीयू में भर्ती होने वालों, आॅक्सीजन की मांग और मौतों की संख्या कम है जो राहत की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन के सामने वैक्सीनों के फेल होने की आशंका अधिक है। (WHO On Covid Vaccine)
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