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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
कहते हैं नेक इरादा लिए किसी भी काम को पूरी शिद्दत के साथ किया जाएं तो पूरी कायनात आपको आपके लक्ष्य की ओर ले जाती है। यही कारनामा कर दिखाया है जोधपुर के रहने वाले 26 वर्षीय सोहनलाल ने। सोहनलाल का सिलेक्शन यूपीएससी की परीक्षा में हुआ है। सोहनलाल बेहद ही गरीब परिवार से आते हैं।
इनकी मां मनरेगा मजदूर और पिता किसान हैं। संसाधनों की कमी के बावजूद सोहनलाल ने ये मुकाम हासिल किया है। सोमवार को आए रिजल्ट में सोहनलाल ने 681वीं रैंक हासिल की है। किसान परिवार का होनहार बेटा अब आईएएस बन गया है।
जोधपुरके तिवरी तहसील के रामपुरा के राम नगर में रहने वाले सोहनलाल के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे इसके लिए कोचिंग ले पाते। लिहाजा वे बिना कोचिंग के तैयारी करते रहे। पहली तीन बार वे इस मुकाम नहीं पहुंचे लेकिन हिम्मत नहीं हारी और चौथी बार फिर से कोशिश की। इस बार सोहनलाल इस मुकाम तक पहुंच ही गए।
सोहनलाल के पिता गोरधन छोटे से किसान हैं। सोहनलाल ने बताया कि 10वीं तक गांव के ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई हुई। इसके बाद 11वीं में कोटा आ गए। 12वीं भी कोटा से पास की और आईआईटी में सिलेक्शन हुआ। घर की आमदनी बहुत कम थी इसके बावजूद पिता ने सोहनलाल को मुंबई से आईआईटी करवाई। 2018 में आईआईटी पूरी होने के साथ ही आईएएस की तैयारी शुरू कर दी थी। 4 साल पूरी शिद्दत के साथ तैयारी की जिसके बाद अब उनका सिलेक्शन हुआ।
सोहनलाल ने बताया कि कोचिंग के लिए पैसे न होने के कारण घर पर ही पढ़ाई करता रहा। लेकिन पहली तीन बार सिलेक्शन न हो पाया। इसके बाद नौकरी करने का ख्याल आया। लेकिन भाई के कहने पर खुद को एक मौका और देने की सोची। वे दिन में 7 से 8 घंटे तक यूटयूब से पढ़ाई करते रहे। यूटयूब से ही सोहनलाल ने अपने नोट्स बनाए और इस बार पहले से भी ज्यादा लगन से मेहनत की। अब जाकर सफलता उनके हाथ लगी है।
सोहनलाल की इस सफलता के बारे में बताते हुए उनके गोरधन भावुक हो गए। पिता गोरधन ने बताया कि हमें इस बात की खुशी है कि हमारे बच्चे की मेहनत रंग लाई। उन्होंने बताया कि आजकल ज्यादातर बच्चे मोबाइल में वीडियो गेम या इंटरनेट पर ज्यादा समय व्यतीत करते हैं जबकि सोहनलाल ने मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ स्टडी के लिए किया। उन्होंने बताया कि बच्चों को की पढ़ाई जब तक पूरी नहीं हुई, उन्हें मोबाइल से दूर ही रखा। सिर्फ पढ़ने के लिए केवल उसका उपयोग करते थे। हमें खुशी है कि बेटे ने हमारे परिवार और समाज का नाम रोशन किया है।
बता दें कि सोहनलाल के मां मीरा देवी आज भी मनरेगा में मजदूरी करती है और उनके पिता पिता गोरधन राम की गांव में 15 बीघा जमीन है। उनका एक बड़ा भाई श्रवण और दो बहन वसंत व सुमित्रा हैं। वसंत राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रही है। दूसरी बहन सुमित्रा बीएड पास हैं। जबकि भाई श्रवण साइबर विशेषज्ञ हैं और अमेरिका में रहकर पीएचडी कर रहे हैं।
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