RBI Money Printing Logic
अगर सरकार इससे ज़्यादा नोट छाप देती है, तो इसके कई नकारात्मक परिणाम सामने आते हैं जैसे कि महंगाई (Inflation) तेज़ी से बढ़ जाती है, रुपये की अंतरराष्ट्रीय वैल्यू गिर जाती है, विदेशी निवेशक देश में पैसा लगाना बंद कर देते हैं, देश की सॉवरेन रेटिंग (Sovereign Rating) नीचे चली जाती है, सॉवरेन रेटिंग को आप देश का क्रेडिट स्कोर मान सकते हैं. अगर यह अच्छा है, तो देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सस्ता कर्ज मिलता है और निवेश बढ़ता है। लेकिन अगर यह गिर गया, तो अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ता है.
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