इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ शहर की जमीन का धंसना लगातार तेज होता जा रहा है। उधर, चमोली से सटे उत्तरकाशी जिले में भी जमीन धंसने की खबरें सामने आई हैं। यहां भी एक गांव में जमीन धंसने से बहुत सारे मकानों में दरारें आ गई हैं। हालांकि यह गांव जोशीमठ से बहुत दूर है. इसके बावजूद राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाई लेवल बैठक की है, जिसमें जोशीमठ में तत्काल आपदा कंट्रोल रूम शुरू करने और डेंजर जोन से एक-एक आदमी को हटाए जाने का निर्णय लिया गया है। विस्थापितों को अगले 6 महीने तक राज्य सरकार किराया देगी। इसके अलावा उन्हें हर महीने 4,000 रुपये आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। आपको बता दें, जोशीमठ मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय से भी लगातार हालात की जानकारी ली जा रही है।
जानकारी दें, मुख्यमंत्री ने हाई लेवल बैठक में आदेश दिया है कि जोशीमठ में डेंजर जोन बन चुके एरिया तत्काल खाली कराए जाएं। शहर में आपदा कंट्रोलरूम शुरू करने को कहा गया है, जो पल-पल की निगरानी करेगा। इसके अलावा जितने एरिया डेंजर जोन के तौर पर चिह्नित हुए हैं, उन्हें सेक्टर व जोन में बांटकर लोगों को अस्थायी पुनर्वास केंद्र में शिफ्ट करने को कहा गया है। अस्थायी पुनर्वास केंद्र में फेब्रिकेटिड आवास बनाने का आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि 500 से ज्यादा घरों में रहने वाली शहर की 3,000 से ज्यादा लोगों की आबादी पर संकट है। जमीन खिसकने का सबसे ज्यादा प्रभाव मारवाड़ी इलाके में हुआ है।
आपको बता दें, मुख्यमंत्री ने फैसला लिया है कि सभी पीड़ित परिवारों का पुनर्वास होने तक सरकार 6 महीने उन्हें किराया देगी। साथ ही 4,000 रुपये महीने की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। मालूम हो, यह मदद मुख्यमंत्री सहायता राशि कोष से की जाएगी।
जोशीमठ update
1-जोशीमठ के सुरक्षित स्थान पर बनेगा एक अस्थायी पुनर्वास केंद्र
2-सेक्टर और ज़ोनल बार बनेगी योजना
3- डेंजर ज़ोन को तत्काल ख़ाली कराया जाएगा।
4-आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट किया जाएगा#joshimathsinking #SaveJoshimath #जोशीमठ_बचाओ pic.twitter.com/8OmKLOtYJa
— Ramesh Bhatt (@Rameshbhimtal) January 6, 2023
अधिकारियों के मुताबिक, लोगों को शिफ्ट करने के लिए करीब 4,000 फेब्रिकेटिड आवास बनाए जाने की योजना है। इसके लिए NTPC की मदद ली जा रही है। NTPC को 2,000 फेब्रिकेटिड घर बनाने को कहा गया है।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि धंसाव की चपेट में जोशीमठ से स्कीइंग सेंटर औली को जोड़ने वाला रोप-वे भी आ गया है। यह एशिया का सबसे लंबा रोप-वे है। इसके टॉवर नंबर-1 के पास जमीन धंस रही है. इस कारण यह रोप-वे बंद कर दिया गया है।
आपको बता दें, चमोली जिले से सटे उत्तरकाशी जिले में भी जमीन धंसने की खबरें सामने आई हैं। एशिया के सबसे बढ़े टिहरी बांध की झील के कारण गंगोत्री हाइवे पर जमीन धंस गई है। लीसा डिपो के करीब हाईवे का 30 मीटर हिस्सा धंस गया है, जिससे हाईवे में दरारें पड़ गई हैं। इसके अलावा मस्ताड़ी गांव में भी भू-धंसाव तेज होने की खबरें है। इस गांव में पिछले 30 साल से जमीन धंस रही है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि अब अचानक ये धंसाव बहुत ज्यादा हो गया है, जिससे दर्जनों मकानों में दरारें आ गई हैं और वे जमीन में धंस गए हैं।
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.