India News (इंडिया न्यूज), Haryana Budget Session : हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन छः विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2025, हरियाणा (बंदी आदान-प्रदान) निरसन विधेयक, 2025, हरियाणा बागवानी पौधशाला विधेयक, 2025, अपर्णा संस्था (प्रबंधन तथा नियंत्रण ग्रहण) विधेयक, 2025, हरियाणा विधान सभा (सदस्यों को चिकित्सा सुविधाएं) संशोधन विधेयक,2025 तथा हरियाणा विधान सभा (सदस्यों को सुविधाएं) संशोधन विधेयक,2025 शामिल हैं।
मार्च, 2026 के 31वें दिन को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान सेवाओं के लिए हरियाणा राज्य की संचित निधि में से कुल 258339,98,37,030 रुपये के भुगतान और विनियोग का प्राधिकार देने लिए हरियाणा विनियोग(संख्या 2) विधेयक, 2025 पारित किया गया है।
Haryana Budget Session
हरियाणा (बंदी आदान-प्रदान) अधिनियम, 1948 को निरस्त करने के लिए हरियाणा (बंदी आदान-प्रदान) निरसन विधेयक, 2025 पारित किया गया है। भारत से पाकिस्तान में कुछ बंदियों के अन्तरण तथा पाकिस्तान से कुछ बंदियों को भारत में प्राप्ति के लिए बन्दियों के आदान-प्रदान हेतु पाकिस्तान के साथ करारनामें के अनुसरण में पूर्वी पंजाब (बंदी आदान-प्रदान) अधिनियम, 1948 (1948 का पंजाब अधिनियम संख्या 13) अधिनियमित किया गया था। भारत तथा पाकिस्तान के विभाजन के लगभग दो वर्ष बाद तथा पूर्वी पंजाब (बंदी आदान-प्रदान) अधिनियम, 1948 (1948 का पंजाब अधिनियम संख्या 13) पारित करने के बाद अधिकांश बन्दी स्थानांतरित हो गए थे।
पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 द्वारा हरियाणा राज्य के सृजन के कारण पूर्वी पंजाब (बंदी आदान-प्रदान) अधिनियम, 1948 हरियाणा राज्य में लागू किया गया था। इस अधिनियम के शीर्षक में वर्णित ‘‘पूर्वी पंजाब’’ को सरकार की 7 जुलाई, 2021 की अधिसूचना के अनुसार ‘‘हरियाणा’’ किया गया है। भारत में एक राज्य से दूसरे राज्य में बन्दियों के स्थानान्तरण के लिए प्रासंगिकता मुहैया कराने के प्रयोजन के लिए बंदी अन्तरण अधिनियम, 1950 (1950 का 29) अधिनियमित किया गया था तथा हरियाणा राज्य में हरियाणा कारागार नियम, 2022 भी बनाए गए है।
अब, हरियाणा (बंदी आदान-प्रदान) अधिनियम, 1948 निरर्थक हो गया है। हरियाणा राज्य विधि आयोग ने 25.01.2023 को सिफारिश की कि इस अधिनियम यानि हरियाणा (बंदी आदान-प्रदान) अधिनियम, 1948 (1948 का पंजाब अधिनियम संख्या 13) को निरस्त किया जाए। इसलिए, हरियाणा (बंदी आदान-प्रदान) निरसन विधेयक, 2025, के द्वारा हरियाणा (बंदी आदान-प्रदान) अधिनियम 1948 (1948 का पंजाब अधिनियम संख्या 13) निरस्त करना इसके द्वारा प्रस्तावित किया जाता है।
हरियाणा राज्य में बागवानी पौधशालाओं के पंजीकरण और विनियमन तथा इससे सम्बन्धित और इससे आनुषंगिक मामलों के लिए उपबन्ध करने हेतु हरियाणा बागवानी पौधशाला विधेयक, 2025 पारित किया गया है। हरियाणा में बागवानी क्षेत्र कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फल पौधशालाओं के लिए एक नियामक ढांचा हरियाणा फल पौधशाला अधिनियम 1961 के रूप में उपलब्ध है। हालांकि, फलपौधशालाओं के अलावा अन्य बागवानी पौधशालाओं के लिए सुव्यवस्थित नियामक ढांचे के अभाव के कारण, निम्न गुणवत्ता एवं रोग ग्रस्त पौध सामग्री का विक्रय किया जा रहा है, जिससे फसल उत्पादकता में कमी एवं किसानों और ग्राहकों को आर्थिक हानि हो रही है।
हरियाणा फल पौधशाला अधिनियम, 1961 की सीमित प्रयोज्यता है, क्योंकि इसमें सब्जियों, मसालों, रुचिकर-सामग्री, फूलों, सजावटी, औषधीय और सुगंधमयी फसलों से संबंधित बागवानी पौधशालाओं के लिए गुणवत्ता नियंत्रण की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कमी के कारण, बिना किसी उत्तरदायित्व के अनधिकृत पौधशालाएं संचालित हो रही हैं, जिससे अज्ञात वंशावली की पौध सामग्री का प्रसार एवं बागवानी फसल में कीटों तथा रोगों की वृद्धि हो रही है।
हरियाणा राज्य की क्षेत्रीय अधिकारिता में पड़ने वाली, गांव सिलोखरा, जिला गुरुग्राम की राजस्व सम्पदा में स्थित अपर्णा संस्था का लोकहित में उचित तथा कुशल प्रबंधन और नियंत्रण सीमित अवधि के लिए ग्रहण करने हेतु और उससे संबंधित तथा इसके आनुषंगिक मामलों के लिए अपर्णा संस्था (प्रबंधन तथा नियंत्रण ग्रहण) विधेयक, 2025 पारित किया गया है।
स्वामी धीरेन्द्र ब्रह्मचारी, एक प्रसिद्ध योग गुरु का मानना था कि योग सभी समस्याओं और उन बीमारियों का एकमात्र समाधान है, जो एलोपैथिक/अन्य प्रकार के उपचारों से ठीक नहीं हो सकती है। उन्होंने शारीरिक प्रदर्शनों एवं इसके लाभों के बारे में व्याख्यान के माध्यम से योग को लोकप्रिय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके प्रयासों से लोगों को कुछ लाभ तो हुआ, लेकिन ऐसे लाभों के आयाम सीमित थे। कुछ समय बाद अपने प्रयासों की समीक्षा करने पर उन्होंने महसूस किया कि राष्ट्र की स्वास्थ्य समस्या को व्यक्तिगत प्रयासों से प्रभावी ढंग से ठीक नहीं किया जा सकता है और मानवता को बड़े पैमाने पर लाभ सुनिश्चित करने के लिए संस्थान के माध्यम से योग को और अधिक लोकप्रिय बनाने की बहुत आवश्यकता है ताकि लोग योग के अभ्यास का सहारा लेकर अपने स्वास्थ्य और शक्ति को पुनः प्राप्त कर सके।
हरियाणा विधान सभा (सदस्यों को चिकित्सा सुविधाएं) अधिनियम, 1986 को संशोधित करने के लिए हरियाणा विधान सभा (सदस्यों को चिकित्सा सुविधाएं) संशोधन विधेयक,2025 पारित किया गया। हरियाणा विधान सभा (सदस्यों को चिकित्सा सुविधाएं) अधिनियम, 1986 की धारा 3 के तहत, हरियाणा विधान सभा का प्रत्येक सदस्य अपने लिए तथा अपने परिवार के सदस्यों के लिए उचित चिकित्सा सुविधाओं का हकदार है। वर्तमान में, हरियाणा विधान सभा (सदस्यों को चिकित्सा सुविधाएं) अधिनियम, 1986 में पारिवारिक पेंशन के प्राप्तकर्ता को ऐसी चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है।
हाल के दिनों में, पारिवारिक पेंशन के प्राप्तकर्ता के विभिन्न व्यक्तियों ने समय-समय पर अध्यक्ष से संपर्क किया है तथा कहा कि:- पति/पत्नी की मृत्यु के पश्चात हरियाणा विधान सभा (सदस्यों को चिकित्सा सुविधाएं) अधिनियम, 1986 के वर्तमान प्रावधानों के अनुसार उनकी चिकित्सा सुविधाएं बंद हो गई हैं। बढ़ती उम्र के साथ, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अधिक हो जाती हैं, साथ ही पारिवारिक जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं। आयु तथा संबंधित पारिवारिक जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए पारिवारिक पेंशन के प्राप्तकर्ताओं को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रावधान करना आवश्यक है।
हरियाणा विधान सभा (सदस्यों को सुविधाएं) अधिनियम, 1979 के संशोधित करने के लिए हरियाणा विधान सभा (सदस्यों को सुविधाएं) संशोधन विधेयक,2025 पारित किया गया है। हरियाणा विधान सभा (सदस्यों को सुविधाएं) अधिनियम, 1979 की धारा 3 के तहत, हरियाणा विधान सभा का प्रत्येक सदस्य 80 लाख रुपये तक के गृह निर्माण और मोटरकार प्रतिदेय अग्रिम का हकदार है, जिसे हरियाणा विधान सभा सचिवालय सदस्य को संवितरित कर सकता है। हाल के दिनों में, विभिन्न सदस्यों ने व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से अध्यक्ष से संपर्क कर कहा कि मौजूदा महंगाई को ध्यान में रखते हुए 80 लाख रुपये के गृह निर्माण और मोटर कार खरीदने के लिए अपर्याप्त हैं।
बजट की एक-एक पाई हरियाणा की जनता की भलाई के लिए होगी खर्च : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी