इंडिया न्यूज:
गुड़हल का फूल आमतौर पर पूजा में चढ़ाया जाता है। संस्कृत में गुड़हल को जवाकुसुम कहते हैं। यह वृक्षों के मालवेसी परिवार से संबंधित एक फूलों वाला पौधा है। इसका वनस्पतिक नाम है- हीबीस्कूस रोजा साइनेन्सिस। कहीं-कहीं जवाकुसुम और बोलचाल की भाषा में चाइना रोज कहा जाता है।
इस फूल में आयरन, जिंक, फॉस्फोरस, कैल्शियम जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं। बहुत ही कम लोगों को पता है कि इस फूल के इस्तेमाल से सेहत और सौंदर्य दोनों को बढ़ाया जा सकता है। यह फूल लाल, गुलाबी, सफेद, पीला समेत कई रंगों में पाया जाता है। तो चलिए जानते हैं क्यों है गुड़हल सेहत के लिए लाभकारी।
इस फूल में राइबोफ्लेविन, नियासिन जैसे विटामिन के साथ विटामिन सी मौजूद होता है। अफ्रीकन देशों में हार्ट डिसीज और ब्लड प्रेशर से बचने के लिए गुड़हल के फूल की चाय पी जाती है। यह डाइयूरेटिक होता है इसलिए चाय बनाकर पीना लाभ पहुंचाता है।
गुड़हल यानी जवाकुसुम के 2 फूलों को सादे पानी में पीसकर रात में लेने से कब्ज की प्रॉब्लम दूर होती है। चाहें, तो इसके फूलों को सूखाकर पाउडर बना लें। इसे गुनगुने पानी के साथ लेने से क्रॉनिक कॉन्सटिपेशन दूर होगा। इसमें पॉलिफेनोल्स बहुत अधिक मात्रा में होता है। पॉलिफेनॉल्स के कारण इसमें एंटी-कैंसर प्राॉपर्टी बहुत ज्यादा होती हैं।
लापरवाही ना करें: गर्भवती महिलाएं गुड़हल की चाय का सेवन ना करें। ब्रेस्टफीट कराने वाली माताओं को भी इसकी चाय नहीं पीना चाहिए।
गुड़हल की चाय ब्रेन टॉनिक की तरह होता है। मेमोरी लॉस, एंग्जाइटी और पैनिक अटैक की परेशानी से जूझ रहे लोगों को इसकी चाय से फायदा मिलेगा। जिन लोगों को कब्ज की दिक्कत होती है, वह भी इस फूल का यूज करें। पित्त बढ़ने पर शरीर में जलन और सूजन होती है। जहां पर जलन, सूजन और खुजली हो, वहां पर जपाकुसुम के 3-4 फूलों के पेस्ट को पीसकर लगाने से राहत मिलेगी। पिंपल आॅइंटमेंट में इस फूल का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
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