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सांप काटने पर दो मिनट में जहर का पता चलेगा, प्रेग्नेंसी टेस्ट जितना आसान हुआ परीक्षण

कर्नाटक के रिसर्चर्स ने सांप के जहर का पता लगाने वाली एक रैपिड किट बनाई है जो प्रेग्नेंसी टेस्ट की तरह ही खून की एक बूंद से सिर्फ़ दो मिनट में रिज़ल्ट देती है. यह इनोवेशन भारत में सांप के काटने से होने वाली ज़्यादा मौतों को कम करने के लिए है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां तुरंत निदान मुश्किल होता है. 
इस किट के ट्रायल्स ने 100% सटीकता की पुष्टि की है, जिससे इसे जल्द ही फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए बाजार में लॉन्च किया जा सकेगा. 

किट डेवलपमेंट की जानकारी

बेंगलुरु में डॉ. शमा भट्ट के नेतृत्व में भाट बायोटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सालों की रिसर्च के बाद यह सफलता हासिल की है. यह स्ट्रिप-आधारित टूल कोबरा, करैत और वाइपर जैसी मुख्य प्रजातियों के ज़हर की पहचान करता है – ये सांपों की “बिग फोर” प्रजाति हैं जो ज्यादातर मौतों के लिए जिम्मेदार हैं. धीमे लैब-टेस्टिंग के विपरीत, यह काटने के बाद मिनटों में सांप के जहर की पहचान करता है, जिससे इलाज में देरी कम होती है.

भारत में सांप के काटने का संकट

भारत में हर साल 58,000 से ज़्यादा सांप के काटने से मौतें होती हैं, जिसमें ग्रामीण पीड़ितों को अक्सर गलत निदान या ज़्यादा इलाज का सामना करना पड़ता है क्योंकि रैपिड टेस्ट उपलब्ध नहीं होते हैं. मौजूदा प्रोटोकॉल लक्षणों या डॉक्टर के फैसले पर निर्भर करते हैं, जिससे अनावश्यक एंटीवेनम का इस्तेमाल और साइड इफेक्ट होते हैं. यह किट जहर की मौजूदगी और प्रकार की तुरंत पुष्टि करके जहर के जोखिम को कम करने में सहायता करती है. मुख्य रूप से ‘बिग फोर’ प्रजातियों—कोबरा, करैत, रसेल्स वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर के काटने से मौतें होती हैं. 

जोखिम कारक

किसान, मजदूर और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, क्योंकि वे खेतों या जंगलों में रहते हैं। मानसून के दौरान खतरा बढ़ जाता है, जब सांप घरों में घुस आते हैं. लक्षणों में सूजन, दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं, जो जल्दी इलाज न मिलने पर घातक हो सकते हैं.

बचाव और उपचार

जूते पहनें, लाठी से रास्ता टटोलें और रात में टॉर्च का उपयोग करें. काटने पर घाव को स्थिर रखें, चूसने या बांधने से बचें. तुरंत अस्पताल जाएं जहां एंटी-वेनम उपलब्ध हो. कर्नाटक के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित 2-मिनट का टेस्ट किट जैसे नवाचार निदान को तेज कर रहे हैं. समय रहते इलाज से 90% मामलों में प्रभावित व्यक्ति को बचाया जा सकता है.

बाजार तक पहुंच और प्रभाव

जल्द ही आशा कार्यकर्ताओं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और एम्बुलेंस को यह किट वितरित की जाने की योजना है. यह किट सांप के काटने के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्य योजना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. एंटीवेनम की खुराक को ऑप्टिमाइज़ करके, यह सालाना हजारों लोगों की जान बचा सकती है और स्वास्थ्य देखभाल लागत को कम कर सकती है. क्षेत्र-विशिष्ट एंटीवेनम जैसे पूरक प्रयास, चल रही जहर रिसर्च के बीच इसकी क्षमता को बढ़ाते हैं.

Shivangi Shukla

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Shivangi Shukla

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