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जाने क्या हैं Viral gastroenteritis? आखिर क्यों कोलकाता में तेज़ी से बढ़ रहे हैं इसके मरीज़-IndiaNews

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : June 22, 2024, 6:30 pm IST
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जाने क्या हैं Viral gastroenteritis? आखिर क्यों कोलकाता में तेज़ी से बढ़ रहे हैं इसके मरीज़-IndiaNews

India News(इंडिया न्यूज), Viral gastroenteritis: मौसम के बदलाव के साथ संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कोलकाता में वायरल फीवर और गैस्ट्रोएंटेराइटिस के बढ़ते मामलों के चलते स्वच्छता, सुरक्षित पानी और पौष्टिक आहार का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह का पालन करके आप अपनी और अपने परिवार की सेहत का ख्याल रख सकते हैं।

साथ ही इसके अतिरिक्त यहां कुछ गंभीर टाइफाइड के मामले भी देखने को मिले हैं, जो डॉक्टरों के अनुसार साल के इस समय में असामान्य है जोकि एक गंभीर बात हैं। ऐसे में आज इस लेख में आप जानेंगे की क्या है वायरल फीवर और गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल डिजीज और साथ ही इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें-

आखिर क्या है वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस?

 

वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस, जिसे अक्सर “स्टमक फ्लू” कहा जाता है, एक संक्रामक बीमारी है जो पेट और आंतों की सूजन का कारण बनती है। यह बीमारी विभिन्न प्रकार के वायरसों के कारण हो सकती है, जिनमें नोरोवायरस, रोटावायरस, एडेनोवायरस, और एस्ट्रोवायरस शामिल हैं।

मुख्य लक्षण:

 

  • दस्त (Diarrhea)
  • उल्टी (Vomiting)
  • पेट दर्द (Abdominal pain)
  • बुखार (Fever)
  • सिरदर्द (Headache)
  • थकान (Fatigue)

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संक्रमण के स्रोत:

  1. संक्रमित व्यक्ति से संपर्क: संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से, विशेषकर हाथ मिलाने या संक्रमित सतहों को छूने के बाद।
  2. दूषित भोजन और पानी: दूषित पानी या भोजन का सेवन करने से।

अन्य संक्रमित सतहें: टॉयलेट, दरवाज़ों के हैंडल, और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर।

रोकथाम के उपाय:

 

स्वच्छता का पालन करें:

नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं, विशेषकर टॉयलेट का उपयोग करने और खाने से पहले।

सुरक्षित भोजन और पानी का सेवन करें:

उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी पीएं और अच्छे से पका हुआ भोजन खाएं।

संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं:

संक्रमित व्यक्ति से नजदीकी संपर्क से बचें और उनके इस्तेमाल की चीजों को छूने से पहले सतर्क रहें।

सतहों की सफाई:

घर और सार्वजनिक स्थानों पर नियमित रूप से सतहों की सफाई करें, विशेषकर रसोई और बाथरूम में।

उपचार:

तरल पदार्थों का सेवन:

डिहाइड्रेशन से बचने के लिए अधिक पानी, इलेक्ट्रोलाइट्स और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें।

आराम:

पर्याप्त आराम करें और शरीर को ठीक होने का समय दें।

चिकित्सकीय सलाह:

यदि लक्षण गंभीर हों या लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से परामर्श लें। डॉक्टर आवश्यकतानुसार ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशंस (ORS) या अन्य उपचार सुझा सकते हैं।

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कब डॉक्टर से संपर्क करें:

डिहाइड्रेशन के लक्षण:

अत्यधिक प्यास, सूखा मुँह, कम यूरिन उत्पादन, और चक्कर आना।

लगातार बुखार:

अगर बुखार लंबे समय तक बना रहे या बहुत अधिक हो।

गंभीर पेट दर्द:

अगर पेट दर्द गंभीर हो और आराम करने पर भी न घटे।

रक्त मिलना:

दस्त या उल्टी में रक्त आना।

वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस एक आम बीमारी है, लेकिन सही सावधानियों और उपचार से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। स्वच्छता बनाए रखना और शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना इसके प्रसार को रोकने में मदद करता है।

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