Kidney Diet Tips: जब हम ज़रूरत से ज़्यादा सोडियम का सेवन करते हैं, तो इससे हमारे रक्त की मात्रा और ब्लड प्रेशर दोनों बढ़ जाते हैं। बता दें कि उच्च नमक के सेवन की वजह से लगातार हाई ब्लड प्रेशर रहने से दिल की बीमारी और स्ट्रोक के साथ किडनी की गंभीर बीमारियों के विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है।
एक्सपर्ट्स की मानें, तो किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीज़, रॉक सॉल्ट यानी सेंधा नमक खा सकते हैं। अगर आपकी किडनी सही तरह से काम नहीं कर पा रही है, तो डॉक्टर आपको नमक का सेवन कम करने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ज़्यादा नमक ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है, जो किडनी के मरीज़ों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
अगर आप फिर भी खाने में हल्का सा नमक डालना चाहते हैं, तो आपको सेंधा नमक का उपयोग करना चाहिए। इस नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है। साथ ही सेंधा नमक में आयरन, ज़िंक, मैंगनीज़, कॉपर जैसे ज़रूरी खनिज भी मौजूद होते हैं।
जो लोग किडनी की किसी बीमारी से जूझते हैं, उन्हें रीनल डाइट का पालन सख्ती से करना पड़ता है, ताकि रक्त में अपशिष्ट की मात्रा को कम हो। जब किडनी अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती है, तो इसका मतलब खाने से बची गंदगी भी सही तरीके से फिल्टर नहीं हो पाती है। अगर अपशिष्ट आपके खून में रह जाते हैं तो इसका बुरा असर मरीज़ के इलेक्ट्रोलाइट स्तर पर पड़ता है। इसके लिए खासतौर से डाइट तैयार की जाती है, ताकि किडनी के काम को बढ़ावा मिल सके।
सोडियम नमक में मौजूद होता है, जो ब्लड प्रेशर बढ़ाने का काम करता है। अगर आप डाइट में नमक की मात्रा कम करते हैं, तो इससे आपकी किडनी की सेहत को मदद मिलती है।
बाज़ार में मिलने वाले पॉपकॉर्न, फ्रेंच फ्राइज़ के लगाना सॉस, ब्रेकफास्ट सीरीयल, पैकेड नॉनवेज, डिब्बा बंद सब्ज़ियों का जूस, प्यूरी, कैन्ड सूप और प्रोसेस्ड चीज़ के सेवन से हर हाल में बचना चाहिए।
किडनी की बीमारी होने पर डाइट में सोडियम, पोटैशियम और फॉसफोरस की मात्रा कम से कम लेनी चाहिए। डाइट में हाई-फाइबर लेने की सलाह दी जाती है। किडनी के मरीज़ों को प्रोटीन का सेवन भी कम करना चाहिए। क्षतिग्रस्त किडनी प्रोटीन से बचने वाले अपशिष्ट को बाहर निकालने का काम नहीं कर पातीं।
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