नेचुरोपैथ कौशल
त्रिफला जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है तीन प्राकृतिक फलों का मिश्रण जो वात, पित्त और कफ प्रकार के दोषों को बैलेंस करता है। इसे हरड़, बहेडा और आंवला को मिलाकर घर पर ही बनाया जा सकता है।
आयुर्वेद में त्रिफला को माह रसायन और कायाकल्प करने वाला बताया गया है इसके प्रयोग से निम्न प्रकार के लाभ शरीर को होते है…
त्रिफला के नियमित सेवन से पेट के रोगों में बहुत लाभ होता है। त्रिफला रात को सोते समय एक चम्मच को गुनगुने पानी से सेवन किया जाए तो सुबह पेट साफ बहुत आसानी से हो जाता है और गैस एसिडिटी जैसे रोगों में बहुत आराम मिलता है।
नियमित या हफ्ते में दो तीन बार त्रिफला के सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों के रोग दूर होते है रात को त्रिफला डालकर रखे हुए पानी से सुबह आंखे धोने से आंखों की रोशनी बढ़ती है !
वजन को नियंत्रित करने के लिए सुबह खाली पेट त्रिफला का काढ़ा बनाकर उसमे दो चमच्च शहद मिलाकर खाया जाए तो शरीर की एक्स्ट्रा फैट कम होती है !
त्रिफला के नियमित सेवन से बालों का झड़ना रुकता है। त्रिफला को पानी मे उबालकर इस पानी से बालो को धोया जाए तो बालो की हेल्थ सुधरती है !
त्रिफला पाचन शक्ति को बढ़ाता है मन्दाग्नि के ग्रस्त व्यक्ति जिनको गैस एसिडिटी ज्यादा बनती है! खाया पिया हुआ पचता नही है उनको नियमित रूप से सुबह शाम त्रिफला सेवन करना चाहिए।
त्रिफला का नियमित सेवन शरीर मे शुगर लेवल को मेंटेन रखता है ! त्रिफला के लाभों को लिखा जाए तो पूरी किताब लिखी जा सकती है। यहां पर केवल कुछ मुख्य समस्याओं के बारे में ही अवगत करवाया है !
एक सम्भाग जिसमे हरड़ बहेडा आंवला को सम भाग मात्रा में मिलाकर तैयार किया जाता है..और दूसरा 1, 2, 3 त्रिफला जिसमे हरड 1 भाग, बहेडा 2 भाग और आंवला को 3 भाग मिलाया जाता है!
अधिकतर 1, 2, 3 मात्रा वाले त्रिफला को ही बेहतर मानते है क्योंकि इस प्रकार बने त्रिफला रसायन बन जाता है, जिसके सेवन से शरीर मे न्यूट्रिएंट्स की पूर्ति भी होती है !
पेट की समस्याओं के किए शाम सोते समय एक चमच्च त्रिफला पाउडर पानी के साथ प्रयोग करना चाहिए या एक गिलास पानी मे एक चमच्च त्रिफला भिगोकर सुबह उस पानी को पी ले और त्रिफला को चबाकर खा ले, सुबह त्रिफला को पानी के साथ या शहद के साथ प्रयोग करना चाहिए इससे वो शरीर में रसायन का काम करता है !
How To Make Triphala At Home
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