संबंधित खबरें
UP By-Election Results 2024 live: यूपी में 9 सीटों पर उपचुनाव की वोटिंग जारी, नसीम सोलंकी की जीत तय
Bihar Bypolls Result 2024 Live: बिहार की 4 सीटों पर मतगणना शुरू! सुरक्षा पर प्रशासन की कड़ी निगरानी
Maharashtra-Jharkhand Election Result Live: महाराष्ट्र में महायुति तो झारखंड में JMM गठबंधन सरकार बनाने की तरफ अग्रसर, जानें कौन कितने सीट पर आगे
मातम में बदलीं खुशियां, नाचते- नाचते ऐसा क्या हुआ शादी से पहले उठी…
नाइजीरिया में क्यों पीएम मोदी को दी गई 'चाबी'? क्या है इसका महत्व, तस्वीरें हो रही वायरल
Stray Dogs: बिलासपुर में आंवारा कुत्तों का आतंक, लॉ छात्रा पर किया हमला
इंडिया न्यूज (Exercise Brain After 60)
हमारा दिमाग भी एक मांसपेशी की तरह होता है। इसका जितना ज्यादा उपयोग किया जाता है ये उतना मजबूत होता जाता है। शरीर की किसी भी मांसपेशी की तरह दिमाग को भी स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम की जरूरत पड़ती है। लेकिन 60 साल की उम्र के बाद दिमाग की गति धीमी पड़ने लगती है। खासतौर पर तब जब बुजुर्ग सारी जिम्मेदारियों से खुद को मुक्त कर लेते हैं। लेकिन इससे सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है। इसलिए कहा जाता है कि दिमाग को जितना काम में बिजी रखेंगे यह उतना ही स्वस्थ रहेगा। तो चलिए जानते हैं कुछ दिमागी व्यायाम जिसको नियमित रूप से करना लाभदायक होगा।
संगीत भावनाओं को संतुलित करता है। एकाग्रता और याद्दाश्त बढ़ाने में मदद करता है। ऐसे में 60 की उम्र के बाद संगीत के साथ समय बिताएं। साथ में वाद्य यंत्र बजाएं। कोई ऐसा आसान वाद्य यंत्र चुनें जिसे बजाने में अधिक ऊर्जा न लगे, जैसे कि हार्मोनियम। संगीत सुनने और वाद्य यंत्र बजाने से चिंता, तनाव और अवसाद भी कम होगा।
शब्द, वर्ग पहेली जैसी पहेलियां सुलझाने की कोशिश करें। इससे संज्ञानात्मक कौशल (कॉग्निटिव स्किल) का विस्तार होगा और समस्या का समाधान ढूंढने की क्षमता बढ़ेगी। पहेलियां विश्राम और तनाव प्रबंधन में भी मदद करती हैं। पर इस बात का ध्यान रखें कि कागज पर मौजूद पहेलियां हल करनी हैं। जब पेन पकड़कर पहेलियां सुलझाएंगे तो दिमाग और हाथ, दोनों की कसरत साथ-साथ होगी और समन्वय बनेगा।
शतरंज एक ऐसा खेल है जो मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। शतरंज गहराई से सोचने और खोज करने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है। यह विशेष रूप से एकाग्रता से जूझ रहे वृद्ध वयस्कों के लिए काफी लाभकारी है। शतरंज के साथ-साथ लूडो और सांप-सीढ़ी भी खेल सकते हैं।
हाथों से कुछ बनाना न केवल कल्पना करने का अच्छा जरिया है। बल्कि दिमाग और हाथों का समन्वय बनाने के लिहाज से भी ये प्रभावी कसरत है। पेंटिंग करें, मिट्टी के खिलौने बनाएं, सिलाई, बुनाई करें या कोई क्राफ्ट बना सकते हैं। यदि देखकर या पढ़कर इसे बनाते हैं तो बेहतर परिणाम मिलेंगे क्योंकि इससे आंखों, हाथों और मस्तिष्क के बीच समन्वय बनेगा।
ये भी पढ़ें : जानिए नारियाल पानी पीने के फायदे और नुकसान
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.