India News HP(इंडिया न्यूज)Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही दोपहर दो बजे शुरू हुई। कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष आक्रामक नजर आया। विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा को नोटिस सौंपा।
इसके बाद प्रश्नकाल शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर की मांग की। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह प्रश्नकाल के बाद उनकी बात सुनेंगे। इससे नाराज भारतीय जनता पार्टी विधायक दल नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर आ गया।
विपक्ष के इस रवैये पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी बयान दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष भ्रमित है और पूरी तरह बिखरा हुआ है। ऐसे में विपक्ष को दिखावा बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन दिनों यह भी स्पष्ट नहीं है कि विपक्ष का नेता कौन है और हमें किससे बात करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना था तो उन्हें सदन में प्रस्ताव लाना चाहिए था और चर्चा के लिए भी सदन में रहना चाहिए था। आगे सीएम ने कहा बीजेपी के लोग आपदा पर भी चर्चा लेकर आए, लेकिन जब राजस्व मंत्री ने इसका जवाब दिया तो वह सदन में मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा कि यह विपक्ष के दिवालियापन को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश खराब आर्थिक स्थिति से उबर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार वित्तीय अनुशासन पर काम कर रही है। कर्मचारियों के वेतन, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन और ऋण पर ब्याज पर सालाना 25 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश निश्चित रूप से वर्ष 2027 तक आत्मनिर्भर बन जाएगा और वर्ष 2032 तक देश का नंबर वन राज्य बन जाएगा।
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