India News (इंडिया न्यूज), Ramakrishna Ashram: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में बड़ा हंगामा हुआ। यह विवाद रामकृष्ण मिशन और ब्रह्म समाज के अनुयायियों के बीच हुआ, और दोनों पक्षों के बीच मंदिर और जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। दोनों पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
हंगामा उस समय हुआ जब ब्रह्म समाज के लोग मंदिर में पूजा करने आए थे और रामकृष्ण मिशन के अनुयायी वहां पहले से मौजूद थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीव्र बहस और नारेबाजी शुरू हो गई। ब्रह्म समाज के लोग दावा कर रहे थे कि यह मंदिर उनका है, जबकि रामकृष्ण मिशन का कहना था कि 2014 से इस मंदिर का संचालन वे ही कर रहे हैं और यह मामला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए किसी भी पक्ष को अपनी बातों को ताकत से नहीं मनवाना चाहिए।
Ramakrishna Ashram
घटना के दौरान पथराव भी हुआ, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस मामले में केस दर्ज किया और घटना में शामिल लोगों की पहचान करने की कोशिश की। पुलिस की भारी तैनाती के साथ-साथ एसडीएम और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
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रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी तनमहिमानंद ने बताया कि ब्रह्म समाज के लोग पहले भी मंदिर में आते थे, लेकिन इस बार उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर में पूजा का समय तय है और उस समय बाद मंदिर बंद कर दिया जाता है। स्वामी ने कहा कि यह मामला कोर्ट में चल रहा है और जो भी फैसला कोर्ट देगा, वह सभी को मान्य होगा।
दूसरी तरफ, ब्रह्म समाज के ट्रस्टी एमआर सागरोली ने कहा कि यह विवाद ज्यादा बड़ा नहीं है। उनका कहना था कि ब्रह्म समाज के लोग इस मंदिर में पूजा करने आते हैं और उनके लिए यह जगह एक धार्मिक स्थल है। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट में इस मामले पर स्टे मिल चुका है, लेकिन फिर भी किसी को मंदिर में जाने से रोका नहीं जा सकता है।
इस पूरे विवाद ने शिमला के धार्मिक और सामाजिक माहौल को प्रभावित किया है, और अब यह देखने की बात होगी कि कोर्ट इस मामले में क्या फैसला करता है। दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावे किए हैं, लेकिन फिलहाल शांति बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।