संबंधित खबरें
हिमाचल में तापमान पहुंचा माइनस में..भीषण शीतलहर, बर्फबारी का जारी हुआ अलर्ट
लखदाता पीर मंदिर में हुए झगड़े को लेकर प्रधान ने एसडीएम अम्ब को सौंपा ज्ञापन …
खेलों इंडिया के खिलाडियों को ग्रांट न देने पर रोष, कहा- सुविधा के नाम पर
जोगिंदर नगर में SSB जवान धर्म सिंह के साथ हुआ ये हाल! परिवार और ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
Children Of State Tour: हिमाचल प्रदेश में 'चिल्ड्रन ऑफ स्टेट' को मिल रहा विशेष दर्जा, जानें बच्चों को मिलेंगे क्या खास फायदे?
Shimla Winter Carnival: विंटर कार्निवल में सतिंदर सरताज का धमाल, राजकीय शोक के बाद अब कार्यक्रम होगा शुरू
India News (इंडिया न्यूज), Himachal News: ईडी के सहायक निदेशक विशाल दीप सिंह के रिश्वत मामले के तार हिमाचल के बहुचर्चित स्कॉलरशिप घोटाले से जुड़े हुए हैं। शैक्षणिक संस्थानों के मालिकों ने ईडी के सहायक निदेशक विशाल दीप सिंह पर 25 करोड़ की रिश्वत मांगने के आरोप लगाए है।
दरअसल 276 संस्थानों में से 29 शैक्षणिक संस्थानो पर एसी एसटी और ओबीसी स्कॉलरशिप हड़पने की जांच चल रही है। अक्टूबर माह तक सब ठीक था लेकिन जैसे ही हर शैक्षणिक संस्थान से एक-एक करोड़ की मांग की गई थी। विशाल दीप सिंह ईडी कासहायक निदेशक बना नवंबर माह से शैक्षणिक संस्थानों के मालिकों को ईडी ऑफिस बुलाकर तंग करना शुरू कर दिया और गिरफ्तारी का डर दिखाकर रिश्वत मांगना शुरू कर दिया। जिससे तंग होकर मजबूरन सीबीआई को शिकायत करनी पड़ी और सीबीआई ने जाल बिछाकर संस्थानों द्वारा दी गई रिश्वत को आरोपी के ठिकानों से 55 लाख के रूप में रिकवर किया। हालांकि आरोपी विशाल दीप अभी भी फरार चल रहा है।
ये बात स्कॉलरशिप घोटाले में फंसे शैक्षणिक संस्थानों के मालिकों ने शिमला में वाकायदा पत्रकार वार्ता में कही है। मालिकों का कहना है कि उन्हें ईडी दफ्तर बुलाकर दिन भर बिठाया जाता था और सबसे पैसे इक्कठे कर 25 करोड़ की रिश्वत मांगी जाती थी। जिससे तंग होकर आत्महत्या तक की नौबत आ गई थी। अंत में सीबीआई को शिकायत करनी पड़ी। जब भी विशाल दीप सिंह दफ्तर बुलाता था मेशा पैसों की डिमांड करता और पैसे न देने पर जेल भेजने की धमकी देता था। मामले में ईडी के दो अन्य अधिकारियों नीरज गर्ग और सुनील कुमार पर भी आरोप लगाए गए हैं। संस्थान मालिक का कहना है कि 19 दिसंबर को उन्हें ईडी कार्यालय बुलाया गया था, जहां पर दो अधिकारियों ने रिश्वत की रकम तय हो गई और बाद में उच्चाधिकारी के पास भेज दिया, जिसने अलग से रिश्वत की मांग की।
शैक्षणिक संस्थान के चेयरमैन ने इसकी शिकायत सीबीआई चंडीगढ़ को की थी। उनके बाद जीरकपुर व पंचकूला में तय की गई रिश्वत की रकम के साथ बुलाया गया था, जहां सीबीआई ने पहले से ही जाल बुन रखा था। इसके अलावा सीबीआई ने शिमला कार्यालय में भी रेड की। आराेपी रिश्वत की रकम लेने के लिए दो अलग-अलग वाहनों में आए थे, जिन्होंने पहले जीरकपुर और बाद में पंचकूला से रिश्वत की रकम ली और फरार हो गए। ईडी अधिकारी का भाई विकास दीप सिंह इसमें शामिल था। इससे रिश्वत के 55 लाख भी बरामद हुए। जबकि मुख्य आरोपी ईडी का सहायक निदेशक विशाल दीप सिंह फरार चल रहा है। हालांकि, अब विभाग ने उसे सस्पेंड कर दिया है।
बारिश- बर्फबारी से पीडब्ल्यूडी विभाग को चौबीस घंटों में हुआ 20 लाख रूपयों का नुकसान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.