India News (इंडिया न्यूज)Sukhvinder Singh Sukhu: करीब एक महीने पहले हिमाचल की सुखू सरकार आर्थिक तंगी से जूझ रही थी। राज्य का खर्च चलाने के लिए उसने मंदिरों के दरवाजे खटखटाए थे। लेकिन आज उसी हिमाचल में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के वेतन-भत्तों में भारी बढ़ोतरी की गई है। इसमें 24 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। दरअसल, सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में इससे संबंधित तीन संशोधन विधेयक पारित किए। इसके बाद सीएम, कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन-भत्तों में 24 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है।
हालांकि बिजली, पानी और टेलीफोन के लिए जो भत्ते दिए जा रहे थे, उन्हें खत्म कर दिया गया है। वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी के बाद हिमाचल सरकार पर 24 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि हिमाचल सरकार के पास बुजुर्गों और दिव्यांगों को पेंशन देने के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन विधायकों और मंत्रियों के वेतन बढ़ाने के लिए पैसे हैं?
बजट सत्र के आखिरी दिन संशोधन विधेयक पेश करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि महंगाई को देखते हुए जनप्रतिनिधियों के वेतन में संशोधन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों, विधायकों, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के वेतन, भत्ते और पेंशन को नियंत्रित करने वाले प्रावधानों में संशोधन करना जरूरी था। इनके वेतन ढांचे में आखिरी बार 2016 में संशोधन किया गया था। कोरोना महामारी के दौरान इनके वेतन में करीब 30 फीसदी की कटौती की गई थी।
वेतन में बढ़ोतरी के बाद सीएम सुक्खू को अब हर महीने 1.15 लाख रुपये मिलेंगे। पहले उनका वेतन 95000 रुपये था। कैबिनेट मंत्रियों का वेतन 80 हजार से बढ़ाकर 95 हजार कर दिया गया है। विधायकों का वेतन 50 हजार से बढ़कर 70 हजार हो गया है। बिजली, पानी और टेलीफोन समेत अन्य चीजों के लिए जो 20 हजार भत्ते दिए जा रहे थे, उन्हें खत्म कर दिया गया है।