India News (इंडिया न्यूज), Japan: जापान में एक दुर्लभ मांस खाने वाले बैक्टीरिया की वजह से होने वाली एक घातक बीमारी फैल रही है। जो 48 घंटों के भीतर लोगों को मार सकती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फेक्शियस डिजीज के अनुसार इस साल 2 जून तक स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम के मामले 977 तक पहुँच गए। ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकोकस आमतौर पर बच्चों में सूजन और गले में खराश का कारण बनता है, जिसे स्ट्रेप थ्रोट के रूप में जाना जाता है। हालांकि, कुछ प्रकार के बैक्टीरिया तेजी से विकसित होने वाले लक्षणों का कारण बन सकते हैं। जिसमें अंग दर्द और सूजन, बुखार, निम्न रक्तचाप, उसके बाद नेक्रोसिस, सांस लेने में समस्या, अंग विफलता और मृत्यु शामिल हैं।
बता दें कि, टोक्यो महिला चिकित्सा विश्वविद्यालय में संक्रामक रोगों के प्रोफेसर केन किकुची ने कहा कि अधिकांश मौतें 48 घंटों के भीतर होती हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही मरीज को सुबह पैर में सूजन दिखती है। दोपहर तक यह घुटने तक फैल सकती है और 48 घंटों के भीतर उनकी मौत हो सकती है। हाल ही में अन्य देशों में भी प्रकोप दर्ज किए गए। कम से कम पाँच यूरोपीय देशों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को STSS सहित आक्रामक समूह A स्ट्रेप्टोकोकस रोग के मामलों में वृद्धि की सूचना दी।
बता दें कि, किकुची ने कहा कि मौजूदा दर पर जापान में इस साल मामलों की संख्या 2,500 तक पहुँच सकती है। उन्होंने कहा कि इसके साथ 30% की भयानक मृत्यु दर भी हो सकती है। किकुची ने लोगों से हाथ की स्वच्छता का ध्यान रखने और किसी भी खुले घाव का इलाज न करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मरीज अपनी आंतों में समूह A स्ट्रेप्टोकोकस GAS ले जा सकते हैं और यह संभव है कि यह मल के माध्यम से हाथों को दूषित कर सकता है।
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