होम / देश / कार्तिकेय की जीत के बाद हरियाणा कांग्रेस में टूट का खतरा

कार्तिकेय की जीत के बाद हरियाणा कांग्रेस में टूट का खतरा

PUBLISHED BY: Amit Gupta • LAST UPDATED : June 18, 2022, 4:25 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

कार्तिकेय की जीत के बाद हरियाणा कांग्रेस में टूट का खतरा

Kartikeya Sharma

Delhi News: अजीत मैंदोला: राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा (Kartikeya Sharma) की जीत के बाद कांग्रेस आलाकमान के सामने हरियाणा में सबसे बड़ी चुनौती पार्टी को टूट से बचाने की हो गई है। हार ने पार्टी  नेताओं के अंदर असुरक्षा का डर पैदा कर दिया है। कई नेता संदेह के घेरे में भी हैं।

यही वजह है कि कांग्रेस वोट रद्द करवाने वाले विधायक को न निगल पा रही है और ना ही उगल पा रही है। पार्टी के खिलाफ वोट करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई  तो पार्टी से अलग हो ही चुके हैं। कभी भी बीजेपी के हो जाएंगे। एक और पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल का परिवार भी शक के दायरे में है। उनको लेकर भी बाजार में यही चर्चा है कि उनका भी पार्टी से मोह भंग हो गया है।

अब रहे प्रभारी विवेक बंसल। इन पर पूरे चुनाव की जिम्मेदारी थी। वो ही सब कुछ जानते हैं कि मतदान के दिन क्या हुआ और पार्टी कैसे हारी। किसने कहां वोट डाला। सवालों के घेरे में आने के बाद उन्होंने भी चुपी साधी हुई है। पार्टी की दुविधा है यह है कि किस किस पर एक्शन लें।

हुड्डा हार के सदमे से उभर ही नहीं पा रहे

Hooda Statement On Kangana Ranaut

अब यही देखना होगा कि बंसल कब तक हरियाणा के प्रभारी बने रहते हैं। इन सब नेताओं के साथ साथ हरियाणा कांग्रेस के सबसे ताकतवर नेता और कांग्रेस की एक मात्र उम्मीद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा तो हार के सदमे से उभर ही नहीं पा रहे हैं। क्योंकि उनका खुद का राजनीतिक करियर ही सवालों के घेरे में आ गया। अभी से तमाम तरह की बातें होने लगी हैं। इस हार से आने वाले दिन कांग्रेस के लिए शुभ नहीं है।

अजय माकन की राजनीति पर भी सवाल

Ajay Makan

Ajay Makan

हरियाणा से प्रत्याशी बनाए गए पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन को भी हार का गम खाए जा रहा है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी हार से उनकी राजनीति पर भी सवाल उठने लगे हैं। वे नाराजगी जताए भी तो किस पर जताए। उनके नेता राहुल गांधी कुलदीप बिश्नोई को मिलने का समय दे देते तो शायद जीत जाते थे। लेकिन नियति को यह मंजूर नहीं था।

हुड्डा पर अति भरोसा मंहगा पड़ा

पार्टी अब जो भी सफाई दे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर अति भरोसा मंहगा पड़ गया। खुद हुड्डा के लिए भी आगे राजनीति बड़ी चुनौती पूर्ण हो गई। हार का पहला असर राहुल गांधी के समर्थन में ईडी के खिलाफ चलाए गए पहले चरण के आंदोलन में साफ देखा गया।

जोश के हिसाब से आंदोलन सफल रहा, लेकिन भीड़ के हिसाब से कम सफल रहा। दिल्ली में लगातार दो हार के बाद पार्टी बुरी तरह से बिखर गई है। टीवी में दिखने वाले ही नेता भर रह गए हैं। दिल्ली के अजय माकन अब राष्ट्रीय नेता हो गए हैं।

आंदोलन के शुरू के दो  दिन वह नजर नहीं आए तो नाराजगी की चर्चा शुरू हो गई थी, लेकिन बाद में वह सक्रिय दिखे। एक तरह से दिल्ली में भीड़ जुटाने वाले नेता अब नहीं रहे। शीला दीक्षित का निधन, सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर सिख दंगों के चलते कम सक्रिय हैं। पूर्व प्रदेश अध्य्क्ष जेपी अग्रवाल भी साइड ही किए गए हैं।

ऐसे में ले देकर हरियाणा और पंजाब पर पार्टी की निर्भरता थी। पंजाब हार गए। हरियाणा में पार्टी गुटों में बंटी है। भीड़ जुटाने के विशेषज्ञ माने जाने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्यसभा की हार से सकते में है, सो अभी सक्रिय नहीं है। उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा जरूर सक्रिय रहे, लेकिन अभी उनमें अपने पिता वाली बात नहीं है।

हार का असर दिल्ली प्रदर्शन पर पड़ा

राज्यसभा की हार का असर दिल्ली प्रदर्शन पर पड़ा। वहां से उम्मीद के हिसाब से भीड़ नहीं जुटी। इसी घटनाक्रम के बीच मीडिया विभाग के प्रमुख पद से रणदीप सिह सुरजेवाला को अचानक हटाया जाना भी चौकाने वाला फैसला रहा। अब जितने मुह उतनी बातें हो रही हैं। कुछ हरियाणा की हार से जोड़ रहे हैं।

वजह कुलदीप बिश्नोई से दोस्ती को बताया जा रहा है। दोनों एक दूसरे के गुणगान करते थे, यह जग जाहिर है। बिश्नोई अब कांग्रेसी हैं नहीं है। बंसीलाल परिवार की बहू किरण चौधरी और उनकी बेटी की कम सक्रियता भी सवाल खड़े कर रही है। कुमारी शैलजा मौन हैं। उन्होंने आलाकमान को पहले ही आगाह कर दिया था चुनाव तक प्रदेश अध्य्क्ष का फैसला टाल दो।

लेकिन उन्हें अनसुना कर दिया गया। कैप्टन अजय यादव भी नाराजगी जता चुके थे।अब ऐसे में कोई बता नहीं रहा है कि रद्द कराने का काम किस विधायक ने किया। जिसने भी किया उसने सोच समझ और बड़ी समझदारी से किया। बातें बहुत हो रही हैं, इसलिए एक और नाम हुड्डा के करीबी विधायक का भी बताया जा रहा है।

कहा जा रहा है वह विधायक अपने बिजनेस के चलते सरकार के दबाव में था। सच तो कांग्रेस आलाकमान अच्छी तरह जानता है। लेकिन हालत यह है कि किसे खुश करे किसे नाराज। चुनाव से पहले हुड्डा को खुश किया था तो उसका परिणाम यह निकला। अब संकट यह है कि लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव में क्या होगा? स्थिति चिंता जनक है।

ये भी पढ़ें : देश के विदेशी मुद्रा भंडार मे गिरावट, 600 बिलियन डॉलर से आया नीचे

ये भी पढ़े : सभी पेट्रोल पंप यूएसओ के दायरे में, जानिए किस पर कितना पड़ेगा असर

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

ये भी पढ़े : फिर से बढ़ सकते हैं पेट्रोल ओर डीजल के भाव, ये रही बड़ी वजह

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ट्रेन में सो रहा था यात्री और तभी…शख्स ने पार कर दी हैवानियत की सारी हदें, तस्वीरें और वीडियो देख दहल जाएगा कलेजा
ट्रेन में सो रहा था यात्री और तभी…शख्स ने पार कर दी हैवानियत की सारी हदें, तस्वीरें और वीडियो देख दहल जाएगा कलेजा
सड़ने लगी है किडनी, कोने-कोने में जम गया है मैल? अनहोनी होने पहले हो जाएं सावधान, वरना होगा ऐसा हाल!
सड़ने लगी है किडनी, कोने-कोने में जम गया है मैल? अनहोनी होने पहले हो जाएं सावधान, वरना होगा ऐसा हाल!
क्या आने वाले समय राष्ट्रपति बनेंगे एलन मस्क? इस सवाल का ट्रंप ने दिया ऐसा जवाब, हिल गए बाकी देश
क्या आने वाले समय राष्ट्रपति बनेंगे एलन मस्क? इस सवाल का ट्रंप ने दिया ऐसा जवाब, हिल गए बाकी देश
सालों से आंतों में जमी गंदगी ने घेर लिया है आपको? शुरू कर दें इन 3 चीजों का खान-पान, बच जाएगी जान!
सालों से आंतों में जमी गंदगी ने घेर लिया है आपको? शुरू कर दें इन 3 चीजों का खान-पान, बच जाएगी जान!
खाड़ी देशों में बढ़ेगा भारत का रुतबा, कुवैत के साथ हुए कई अहम समझौते, रक्षा के साथ इस क्षेत्र में साथ काम करेंगे दोनों देश
खाड़ी देशों में बढ़ेगा भारत का रुतबा, कुवैत के साथ हुए कई अहम समझौते, रक्षा के साथ इस क्षेत्र में साथ काम करेंगे दोनों देश
दक्षिण अमेरिकी देश में हुआ जयपुर जैसा अग्निकांड, हादसे में 30 से ज़्यादा लोगों की हुई मौत, जाने कैसे हुई दुर्घटना
दक्षिण अमेरिकी देश में हुआ जयपुर जैसा अग्निकांड, हादसे में 30 से ज़्यादा लोगों की हुई मौत, जाने कैसे हुई दुर्घटना
यमुना नदी पर नया पुल तैयार, महीने भर बाद ट्रेनों को मिलेगी रफ्तार, 1866 में हुआ था पुराने पुल का निर्माण
यमुना नदी पर नया पुल तैयार, महीने भर बाद ट्रेनों को मिलेगी रफ्तार, 1866 में हुआ था पुराने पुल का निर्माण
प्रदूषण से घुटा दिल्ली के जल निकायों का दम, MCD के वकील ने मांगा 4 हफ्ते का समय
प्रदूषण से घुटा दिल्ली के जल निकायों का दम, MCD के वकील ने मांगा 4 हफ्ते का समय
Today Horoscope: इस 1 राशि का आज चमकेगा भाग्य, वही इन 3 जातकों के रस्ते आएंगी रुकावटें, जानें आज का राशिफल!
Today Horoscope: इस 1 राशि का आज चमकेगा भाग्य, वही इन 3 जातकों के रस्ते आएंगी रुकावटें, जानें आज का राशिफल!
कहासुनी के बाद तेज गति से दर्जनभर लोगों पर चढ़ा दी गाड़ी, 3 की मौके पर मौत
कहासुनी के बाद तेज गति से दर्जनभर लोगों पर चढ़ा दी गाड़ी, 3 की मौके पर मौत
इस बार भी कर्तव्य पथ पर नहीं दिखेगी दिल्ली की झांकी, रक्षा मंत्रालय ने दी सफाई
इस बार भी कर्तव्य पथ पर नहीं दिखेगी दिल्ली की झांकी, रक्षा मंत्रालय ने दी सफाई
ADVERTISEMENT