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India News (इंडिया न्यूज़), India-Canada Row: कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच की अंतरिम रिपोर्ट में भारत पर ऐसी गतिविधियों और कनाडाई समुदायों और राजनेताओं को प्रभावित करने की कोशिश करने वाली कई गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। खैर शुक्रवार (3 मई) सुबह जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि ऐसे भारतीय प्रभाव प्रयासों का फोकस कनाडा में खालिस्तानी अलगाववाद पर चिंताओं से प्रेरित था। उस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत विदेशी हस्तक्षेप गतिविधियाँ करता है। जिसका उद्देश्य प्रमुख मुद्दों पर कनाडा की स्थिति को भारत के हितों के साथ संरेखित करना है, विशेष रूप से इस संबंध में कि भारत सरकार कनाडा स्थित स्वतंत्र सिख मातृभूमि (खालिस्तान) के समर्थकों को कैसे देखती है।
इस रिपोर्ट में महत्वपूर्ण बात यह है कि यह कनाडा स्थित खालिस्तानी हिंसक उग्रवाद को मान्यता देता है। हालांकि इसे अपेक्षाकृत छोटा बताया गया है और यह भी कहा गया है कि भारत उसमें और वैध, खालिस्तान समर्थक राजनीतिक वकालत के बीच अंतर नहीं करता है। इसमें कहा गया है कि ये गतिविधियाँ, कनाडा के लोकतांत्रिक संस्थानों को प्रभावित करने के उद्देश्य से नहीं हो सकती हैं, लेकिन फिर भी महत्वपूर्ण हैं। दरअसल, इसमें कहा गया है कि भारत ने 2019 और 2021 के आम चुनावों से संबंधित विदेशी हस्तक्षेप गतिविधियों को निर्देशित किया। साथ ही प्रॉक्सी एजेंटों ने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया हो सकता है। जिसमें कथित तौर पर विभिन्न कनाडाई राजनेताओं को अवैध वित्तीय सहायता का गुप्त प्रावधान भी शामिल है।
बता दें कि, भारत पहले ही कनाडा में किसी भी हस्तक्षेप के सवालों को निराधार आरोप कहकर खारिज कर चुका है। इस साल अप्रैल में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक बयान में कहा था कि दूसरे देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दखल देना भारत सरकार की नीति नहीं है। वास्तव में इसके विपरीत यह कनाडा है जो हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। हम इस मुद्दे को उनके समक्ष नियमित रूप से उठाते रहे हैं। हम कनाडा से हमारी मुख्य चिंताओं को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आह्वान करते रहते हैं।
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