संबंधित खबरें
ठंड की चादर में लिपटा देश, शीतलहर से कांप रहे लोग, दिल्ली में हो सकती है बारिश, जाने क्या है वेदर अपडेट?
हिल गई धरती, राजधानी दिल्ली से लेकर बीहार तक महसुस हुए भूकंप के झटके,कांप उठे लोग
ट्रेंड हुआ 'लॉकडाउन', स्वास्थ्य मंत्री बोले 'टेंशन की बात नहीं', फिर वायरस पर कर दिया बड़ा खुलासा
1954 का वो कुंभ जिसमे पहुंचे थे नेहरू, 1000+ लोगों की मौत लेकिन क्यों आज भी एक रहस्य है वो घटना… लेकिन एकलौता वो पत्रकार जिसने किया था सब कुछ रिकॉर्ड
आतिशी के पिता पर किसने किया गंदा कमेंट? फफक कर रोने लगी दिल्ली की मुख्यमंत्री, वीडियो देखकर बैठ गया दिल्ली वालों का दिल
किस मजबूरी में कलियुगी मां-बाप ने दो मासूमों को दिया जहर, फिर खुद लगा ली फांसी, नौकरों ने बताई अंदर की बात
इंडिया न्यूज, लखनऊ:
Fake Insurance Claims : सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को फटकार लगाई है कि वे फर्जी दावे पेश कर मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण और श्रमिक मुआवजा अधिनियम के तहत बीमा कंपनियों को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिवक्ताओं द्वारा फर्जी दावा याचिकाएं दाखिल करने के गंभीर आरोपों के बावजूद यूपी बार काउंसिल की ओर से उन्हें अपना पक्ष पेश करने का निर्देश नहीं देना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैे।
Read Also : Japanese Weight Loss Therapy इस तरीके से पीए पानी वजन होगा कम
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि यह यूपी बार काउंसिल की ओर से उदासीनता और असंवेदनशीलता दशार्ता है। इस पर बार काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा को इस पर गौर करना चाहिये। राज्य की बार काउंसिल का यह कर्तव्य है कि वह मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण और श्रमिक मुआवजा अधिनियम के तहत फर्जी दावे दायर करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करे।
Also Read : Punjab Assembly Election 2022 : पंजाब में आम आदमी पार्टी की बनेगी सरकार : Arvind Kejriwal
Fake Insurance Claims : सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सात अक्टूबर 2015 के आदेश के अनुपालन में गठित एसआईटी को 15 नवंबर या उससे पहले सीलबंद लिफाफे में जांच के संबंध में रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दायर एक पूरक हलफनामे पर गौर किया, जिसमें कहा गया था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सात अक्टूबर 2015 के आदेश के अनुपालन में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
पीठ ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि विशेष जांच दल को 1,376 संदिग्ध दावों के मामले मिले हैं। यह बताया गया कि 1,376 मामलों में से अभी तक 246 ऐसे संदिग्ध मामलों की जांच पूरी हो गयी है और पहली नजर में 166 आरोपियों के खिलाफ संज्ञेय अपराध का पता चला है जिसमें याचिकाकर्ता, अधिवक्ता, पुलिसकर्मी, डॉक्टर, बीमा कर्मचारी, वाहन मालिक, ड्राइवर आदि शामिल हैं।
इस संबंध में कुल 83 आपराधिक मामले दर्ज किये गए हैं।
पीठ ने इस तथ्य का भी जिक्र किया कि हलफनामे के अनुसार संदिग्ध दावों के शेष मामलों में अभी जांच चल रही है। पीठ ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि विशेष जांच दल ने भी इस मामले में तत्परता से कार्रवाई नहीं की और अभी तक जांच पूरी नहीं की है।
Tamil Nadu Local Polls परिवार में पांच सदस्य, बीजेपी कैंडीडेट को मिला सिर्फ एक वोट
पीठ ने इस मामले की जांच की रफ्तार की भी निन्दा की और राज्य सरकार तथा विशेष जांच दल को दर्ज की गयी शिकायत-जांच पूरी हो गये मामले और आरोपियों के नामों के साथ बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। हलफनामे में उन नामों का भी विवरण शामिल करना होगा, जिनके खिलाफ आपराधिक शिकायतें दर्ज की गयी हैं और जिनमें आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.