संबंधित खबरें
PM Modi ने देशवासियों को कुछ इस अंदाज में दी क्रिसमस की शुभकामनाएं, ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से की बातचीत, देखें
Atal Bihari Vajpayee की 100वीं जयंती आज,स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे PM Modi, सदैव अटल पर देंगे श्रद्धांजलि
Manipur को लेकर PM Modi ने उठाया ये बड़ा कदम, सुनकर विपक्ष के कलेजे को मिल गई ठंडक
गंदे कपड़े पहनकर जब शख्स पहुंचा बैंक, बोला मेरा खाता…, अकाउंट में जमा पैसा देख मैनेजर के उड़ गए होश, फिर जो हुआ सुनकर मुंह को आ जाएगा कलेजा
जिस टैंकर से जयपुर में मची तबाही…कैसे बचा उसका ड्राइवर? खुलासे के बाद पुलिस का भी ठनका माथा
जम्मू-कश्मीर में बड़ा हादसा, सेना का वाहन गहरी खाई में गिरने से 5 जवानों की मौत
Air India Privatisation And Air India Sale: लाख कोशिशों के बाद आखिर कार बिक ही गई। लगातार घाटे के संमदर में डुबकियां लगा रही एयर इंडिया की नईया पार लगाने वाला खिवईया मिल ही गया। जी हां गत तीन सालों से सरकारी कंपनी को बेचने की तैयारियां चल रही हैं। क्योंकि यह लगातार नुकसान झेल रही थी। मोदी सरकार ने इसकी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए टेंडर मांगे थे। जिसके बाद इसे खरीदने के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइस जेट एयरलाइंस ने रूची दिखाते हुए बोली लगाई थी। जिसमें टाटा ने बाजी मारते हुए 68 साल पहले हाथ से गई खुद की कंपनी को एक बार फिर से अपना बना लिया है। बताते चलें कि वर्ष1953 में टाटा ग्रुप की एयरलायंस कंपनी का तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने अधिग्रहण कर लिया था। जिसके बाद से अभी तक इस कंपनी पर सरकार का अधिकार रहा है।
Air India Tata Airlines Interesting Facts मिट्टी के मकान से शुरू हुआ था एअर इंडिया का सफर
Powerful Passports In The World 90वें स्थान पर भारत
सरकार ने साल 2007 में एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का मर्ज कर दिया था। इस कदम के पीछे सरकार ने तेल की बढ़ती कीमतों व निजी एयरलाइंय कंपनियों से मिल रही कड़ी टक्कर का तर्क दिया था। हालांकि इससे पहले की बात करें तो साल 2000 से लेकर 2006 तक यह सरकारी कंपनी बेहतर प्रदर्शन करते हुए कमाई का साधन बनी हुई थी। लेकिन विलय होने के बाद से कंपनी की आय में कमी आती चली गई। जिससे कि एयर इंडिया कर्ज में डूबती चली गई। जानकार सूत्रों के मुताबिक 31 मार्च 2019 तक कंपनी 60 हजार करोड़ से भी ज्यादा का कर्ज में डूब चुकी थी। इसी के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में अंदाजा लगाया जा रहा है कि एयरलाइन को 9 हजार करोड़ का फटका लगना तय है।
Arunachal India China Border Dispute चीन ने फिर मुंह की खाई
बता दें कि मनमोहन सरकार ने बेलआउट पैकेज देकर कंपनी को उबारने की कोशिश की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिर 2017 में इसके विनिवेश की रूपरेखा बनाई गई। इसके बाद 2018 में भी सरकार ने निर्णय लिया कि एअर इंडिया में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेच देगी। इसके लिए कंपनियों से एक्सप्रेशन आॅफ इंटरेस्ट (एडक) आमंत्रित किया गए, लेकिन ने भी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई।
Prateek Mohite Worlds Shortest Bodybuilder कौन है प्रतीक विट्ठल मोहिते
Longest Nose In The World मेहमत की नाक दुनिया में सबसे लंबी
इसके बाद जनवरी 2020 में नए सिरे से प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने का प्रयास शुरू हुआ। लेकिन इस बार सरकार ने फैसला किया कि इस बार 76 प्रतिशत की जगह 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच देंगे। जिसके लिए कंपनियों को 17 मार्च 2020 तक जरूरी दस्तावेज जमा करवाने के लिए कहा। लेकिन इस बार कोरोना ने एविएशन इंडस्ट्री को हाशिए पर ला दिया। इसी तरह कई बार तारीख बदलनी पड़ी। इसके बाद 15 सितंबर 2021 मुÞकर्र की गई। इसी दिन टाटा और स्पाइसजेट ने सरकारी कंपनी को खरीदने के लिए बोली लगाई।
ISI New Chief Lt Gen Nadeem Anjum आईएसआई के नए चीफ
बता दें कि एयर इंडिया का रिजर्व कीमत 15 से 20 हजार करोड़ रुपए तय की गई थी। इस दौरान टाटा के चेयरमैन अजय सिंह ने स्पाइस जेट से ज्यादा बोली लगाते हुए कंपनी अपने नाम कर ली। इस तरह करीब 68 साल बाद एअर इंडिया की घर वापसी संभव हो पाई। इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाण्जिय मंत्री पीयूष गोयल और उड्यन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कमेटी ने इस डील पर मुहर लगाई। एयर इंडिया से जुड़ी हर संपत्ति को सरकार कर रही नीलाम कर रही है। इसमें एअर इंडिया एक्सप्रेस की भी 100 फीसदी हिस्सेदारी शामिल है। साथ ही कार्गो और जमीन स्तर पर रखरखाव रखने वाली कंपनी एआईएसएटीएस की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भी शामिल है। इसके साथ ही विमान, एयरलाइन की संपत्तियां, कर्मचारियों के लिए बनाई गई हाउसिंग सोसायटी और एयरपोर्ट पर लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट भी किए गए सौदे का हिस्सा रहेंगे। नए मालिक को भारतीय एयरपोर्ट्स पर 4,400 डोमेस्टिक वहीं इंटरनेशनल लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट की संख्या 1,800 रहेगी। वहीं विदेशी एयरपोर्ट पर करीब 900 स्लॉट दिए जाएंगे। इस डील के अंतर्गत एअर इंडिया का मुंबई स्थित हेड आॅफिस और दिल्ली में एयरलाइंस हाउस भी सम्मलित हैं। जानकारों के मुताबिक मुंबई के कंपनी कार्यालय की बाजार में कीमत 1,500 करोड़ रुपए से अधिक है।
Forbes 100 Richest Indians List फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर भारतीयों की सूची
Top 10 richest Indians in 2021 रोजाना इतनी कमाई कि पढ़कर आप हो जाएंगे दंग
इसके लिए पहले ही नियम व शर्तें तय कर दी गई हैं। बताया जा रहा है कि 31 मार्च 2019 तक कंपनी 60,074 करोड़ रुपए के कर्ज तले दब चुकी थी। कर्ज था। जनवरी 2020 में डीआईपीएएम के अनुसार,खरीदार कंपनी को कुल कर्ज में से 23,286 करोड़ रुपए का कर्ज का भुगतान करना होगा। बाकी बची रकम को सरकार की कंपनी एअर इंडिया एसेट होल्डिंग्स को ट्रांसफर किया गया है।
देश में पहला पायलट बनने वाले जेआरडी टाटा को 10 फरवरी 1929 में जहाज उड़ाने का लाइसेंस मिल गया था। इसके बाद जेआरडी टाटा ने 1932 में देश में एयरलाइंस की शुरूआत कर दी थी। लेकिन उसी समय छिड़े दूसरे विश्वयुद्ध की मार दुनियाभर में एविएशन सेक्टर पड़ गई। मंदी से उभरने के लिए योजना आयोग ने सुझाव दिया कि सभी एयरलाइंस कंपनियों का अधिग्रहण कर लिया जाए। इसके बाद मार्च 1953 में संसद ने एयर कॉपोर्रेशंस एक्ट पास कर दिया। कानून बनते ही देश में चल रही 8 एयरलाइंस का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। जिसमें टाटा एयरलाइंस भी शामिल थी। तब सभी कंपनियों को मिलाकर इंडियन एयरलाइंस और एअर इंडिया का नाम दे दिया गया। उस समय में इंटरनेशनल उड़ानों का जिम्मा एअर इंडिया को और घरेलू फ्लाइट्स की कमान इंडियन एयरलाइंस को दी गई।
Indias Richest Women In 2021 भारत की अमीर महिलाओं की लिस्ट
Foreign Exchange फॉरेन एक्सचेंज मार्केट और रेट क्या है
15 अक्टूबर 1932 को जेआरडी टाटा ने देश में पहली बार उड़ान भरी थी। कराची से बॉम्बे (मुंबई) तक की इस उड़ान टाटा एविएशन के कार्गो प्लेन भरी थी। हालांकि इससे पहले भी साल 1911 में 9 किलोमीटर की ट्रायल उड़ान इलाहाबाद में भरी जा चुकी थी। इसके बाद 1946 में टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर एअर इंडिया कर दिया गया। बता दें कि देश से विदेश तक की पहली उड़ान का गौर्व भी टाटा ग्रुप की एयर इंडिया के नाम ही है। 8 जून 1948 को टाटा समूह के मालाबार प्रिंसेस नामक जहाज ने बॉम्बे से लंदन के लिए पहली बार उड़ान भरी थी। 8 हजार किलोमीटर से ज्यादा इस सफर में देश की कई अहम हस्तियों के साथ ही ब्रिटेन में भारत के राजनायिक कृष्ण मेनन भी सवार थे।यही नहीं एअर इंडिया भारत ही नहीं बल्कि एशिया की पहली ऐसी कंपनी है जिसने एशिया और यूरोप के बीच आसमान को छूने का काम किया।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.