India News (इंडिया न्यूज), Akhilesh Yadav on SEBI: हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार (10 अगस्त) को अपने ताजा रिपोर्ट में सेबी की चेयरपर्सन और अडानी समूह के बीच मिलीभगत के आरोप लगाए है। वहीं इस रिपोर्ट के आने के बाद से ही केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर विपक्ष हमलावर है। अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है। पर लगाए गए आरोपों पर राजनीति गरमा गई है। सपा सांसद अखिलेश यादव ने सेबी की जांच की मांग की है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि SEBI की ऐतिहासिक जाँच होनी चाहिए, क्योंकि सेबी का इतिहास ही ऐसा रहा है।उन्होंने लिखा कि वो कभी सही मायनों में निवेशकों का सरंक्षक व सहारा नहीं बना। भारत के बाज़ार में निवेश के प्रति सुरक्षा की भावना जगाने के लिए SEBI की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना केवल एक निष्पक्ष जाँच ही कर सकती है। SEBI प्रकरण की गहन-जाँच भारत की अर्थव्यवस्था की अपरिहार्यता है।
SEBI की ऐतिहासिक जाँच होनी चाहिए क्योंकि सेबी का इतिहास ही ऐसा रहा है कि वो कभी सही मायनों में निवेशकों का सरंक्षक व सहारा नहीं बना।
भारत के बाज़ार में निवेश के प्रति सुरक्षा की भावना जगाने के लिए SEBI की प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना केवल एक निष्पक्ष जाँच ही कर सकती है।
SEBI…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 11, 2024
दरअसल,शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट ने एक बार फिर भारत में खलबली मचा दी है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख पर कई आरोप लगाए गए हैं। हिंडनबर्ग ने शनिवार को आरोप लगाया कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी है। जो अडानी समूह की वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी हैं। वहीं इस रिपोर्ट के आने के बाद सेबी की चेयरपर्सन और उनके पति धवल बुच ने बयान जारी कर इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया, जबकि अडानी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है।
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